Chhattisgarh Vidhansabha छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण को लेकर गर्म माहौल के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को भेजा है। मुख्यमंत्री ने आगामी एक एवं दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज को भरोसा दिलाया है कि राज्य में आरक्षण के मामले में आदिवासी निश्चिंत रहें, उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल शीघ्र वहां जाएगा। अध्ययन दल के गठन एवं इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार प्रदत्त है, उसका पालन हमारी सरकार कर रही है। हमारी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें प्राप्त हों। आरक्षण के मामले को लेकर हमने विधानसभा अध्यक्ष महोदय से एक एवं दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का भी आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी समुदाय के विकास और कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। आदिवासियों के समुचित विकास के लिए विकास प्राधिकरणों में स्थानीय विधायकों को ही अध्यक्ष बनाया गया। आदिवासियों के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई गईं और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया। आदिवासी समुदाय के आस्था स्थल देवगुड़ी और घोटुल का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार का काम भी बीते पौने चार सालों से प्राथमिकता से कराया जा रहा है। राज्य के आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।