अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। हिजाब विवाद पर मार्च में ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था। जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और उस आदेश पर स्टे लगाने की मांग हुई। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह स्थगन की मांग वाली याचिका स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि मामले में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।
दरअसल 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में पढ़ रहीं मुस्लिम लड़कियों द्वारा कक्षाओं में हिजाब पहनने के अधिकार की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया था। साथ ही फैसला सुनाया कि हिजाब पहनना “इस्लामी विश्वास में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है” और संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है। by TaboolaSponsored Links 18 साल से कम उम्र के छात्र मुफ्त ऑनलाइन कोडिंग क्लास के लिए भर्ती हो सकते हैं| Whitehat Jr. अभी बुक करें।
इसके बाद तुरंत ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इस जल्द सुनवाई की मांग की गई। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा था कि हिजाब की इजाजत ना मिलने से छात्राएं परीक्षा छोड़ रही हैं। जिस पर कोर्ट ने कहा कि वो तुरंत सुनवाई नहीं करेंगे। इस केस का परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। अब कोर्ट ने इस मामले को सुनना शुरू कर दिया है। साथ ही राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
कैसे शुरू हुआ विवाद? कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत 16 जनवरी 2022 को उडुपी में हुई थी, जहां एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री की, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उन्हें हिजाब पहनकर कॉलेज में आने से मना किया। इसके बावजूद छात्राएं नहीं मानी और वो हिजाब पहकर आती रहीं। बाद में ये मुद्दा पूरे देश में फैल गया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद बहुत सी लड़कियों ने तो परीक्षा भी छोड़ दी थी।