रायपुर। प्रदेश के युवाओं में अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही की वजह से हाइपरटेंशन का खतरा लगातार बढ़ रहा है। जानकारों की मानें, तो हाइपरटेंशन की वजह से युवाओं में दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, डॉ. अंबेडकर की जनरल मेडिसीन ओपीडी में रोज आ रहे 500 मरीजों में से 100 में ब्लड प्रेशर (बीपी) से जुड़ी दिक्कतें सामने आ रहे हैं।
इसी तरह शासकीय आयुर्वेद कॉलेज चिकित्सालय की काय चिकित्सा ओपीडी में प्रतिदिन 50 से अधिक ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनको दूसरी बीमारियों के साथ हाइपरटेंशन भी है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि ऐसे ज्यादातर मरीजों में युवाओं की संख्या अधिक है। मनोचिकत्सों के मुताबिक कोरोना काल में तनाव, अवसाद बढ़ने से भी बीपी के मरीजाें की संख्या बढ़ रही है।
एक कारण यह भी है कि रात-रातभर मोबाइल देखने के यु
वा आदी हो रहे हैं, जिसके कारण दिनचर्या में फर्क पड़ रहा है। सरकारी दिल के अस्पताल एसीआई में आने वाले मरीजों में हाइपरटेंशन की वजह से दिल बीमारी के मरीज अधिक निकल रहे हैं। हार्ट फेलियर के मरीजों में भी यह एक बड़ी वजह है।
पहले जहां 50 साल की उम्र में बीपी की बीमारी देखी जाती थी, वह अब 25 से 45 वर्ष के उम्र में देखी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में य
ह ट्रेंड देखा जा रहा है। डॉक्टर 30 साल की उम्र के बाद नियमित जांच की सलाह दे रहे हैं।
उच्च रक्तचाप के कारण
- नमक की अधिक मात्रा में सेवन।
- अनियमित दिनचर्या।
- अनियमित खानपान, तनाव।
- धूम्रपान या नशीले चीजों का सेवन करना।
- अत्यधिक वजन का बढ़ना।
रोकथाम व उपचार
- ताजी साग-सब्जियों का सेवन ज्यादा करना।
- नमक का कम उपयोग करना।
- नशीले और धूम्रपान जैसी चीजों का सेवन ना करना।
- नियमित समय पर डॉक्टर से जांच और परामर्श कराना।
- व्यायाम को डॉक्टर की सलाह से नियमित रूप से करना ।
25 से 45 वर्ष के लोग ज्यादा
प्रो. डॉ. राजीव लोचन खरे, डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन, नेहरू मेडिकल कॉलेज ने बताया कि बीते कुछ सालाें में यह आर्ब्जवेशन है कि यंग हाइपरटेंशन तेजी से बढ़ रहा है। पहले 50 साल से अधिक उम्र के लोगों
को ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियां होती थी। अब यह 25 से 45 साल के लोगों में भी देखी जा रही है। मोटापा, नमक का अधिक सेवन, तनाव और स्मोकिंग इसकी मुख्य वजह है।
बीपी को नियंत्रित रखना जरूरी
सरकारी दिल के अस्पताल एसीआई के एचओडी डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट फेलियर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना जरूरी है। हमारे पास हा
र्ट फेलियर के जितने भी मरीज आते हैं उनमें से 40 से 60 प्रतिशत मरीज हाई बीपी वाले होते हैं। इसके लिए जरूरी है नियमित रूप से वॉकिंग और रूटीन चे
कअप।
जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर में काय चिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अरूणा ओझा ने बताया कि काय चिकित्सा ओपीडी में प्रतिदिन 50 से अधिक ऐसे मरीज आते हैं जिनको दूसरी बीमारियों के साथ हाइपरटेंशन है।
यह बीमारी जीवन शैली से जुड़ी है। जो अनियमि
त जीवनशैली, असंतुलित आहार, मोटापा, शारीरिक श्रम का अभाव, नीद की कमी, तनाव , क्रोध, धूम्रपान, अल्कोहल सेवन आदि से हो सकता है। सामान्यतया हायपरटेशन के रोगी में कोई लक्षण नहीं मिलता, अतः रोगी इसके प्रति सजग नहीं रहता है। इसलिए एक स्वस्थ व्यक्ति को भी नियमित रूप से अपने रक्तचाप की जांच कराते रहना चाहिए।