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सिपाही भर्ती परीक्षा में पास कराने के नाम पर लिए 22 लाख, हकीकत जानकर उड़े अभ्यर्थियों के होश…

सिपाही भर्ती परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर आगरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के सात अभ्यर्थियों से 22 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई। पीड़ित युवकों ने शुक्रवार को एडीजी जोन अजय आनंद से शिकायत की। उन्होंने जोन की स्टाफ ऑफिसर मनीषा सिंह को जांच सौंपी है। मैनपुरी के थाना घिरोर के गांव ढकरई निवासी राजेश कुमार ने बताया कि उसके भाई सत्यवीर सिंह ने 2018 में सिपाही भर्ती परीक्षा दी थी। इसमें वो फेल हो गया। इसके बाद बरनाहल, मैनपुरी निवासी देवेंद्र ने उनसे संपर्क किया। कहा कि वो भर्ती परीक्षा में पास करा देगा। इसके लिए सात लाख रुपये देने होंगे। उसने मलपुरा क्षेत्र में रहने वाले अपने साथी शक्ति सिंह से भी मिलवाया। 22 लाख रुपये एडवांस लिए

दोनों ने पास कराने का आश्वासन दिया। राजेश ने अपने रिश्तेदार और परिचित फिरोजाबाद के धीरपुरा निवासी अरुण, सिरसागंज निवासी रीकेश, मैनपुरी के गढ़िया भदौल निवासी अर्जुन सिंह, मनोज, वर्षा सहित छह लोगों से भी उनका संपर्क करा दिया। दोनों ने अभ्यर्थियों से एडवांस के रूप में 22 लाख रुपये ले लिए। किसी से तीन तो किसी से चार लाख रुपये लिए।

उनका फर्जी मेडिकल परीक्षण भी कराया गया। 12 मई को सभी को लखनऊ कार से लेकर भी गए। वे सिर्फ यह दिखा रहे थे कि कोशिश जारी है। इस बारे में पूछे जाने पर दोनों टालमटोल करने लगे। जब रकम वापसी से इंकार कर दिया, तब पीड़ितों ने एडीजी आफिस में शिकायती पत्र दिया है। मामले की जांच एडीजी की स्टाफ अफसर मनीषा सिंह कर रही है।

खुद को बताता है सेना में 

पीड़ितों का कहना है कि एक आरोपी खुद को सेना में तैनात बताता है। इस वजह से ही उस पर भरोसा कर लिया था। मधु नगर में उसने कमरा भी किराये पर ले रखा था। मगर, वो अब नहीं मिल रहा है।

क्लर्क की नौकरी लगवाने को लिए तीन लाख 

मैनपुरी के ढकरई निवासी राजेश कुमार भी ठगी का शिकार हुआ। मगर, उससे सिपाही नहीं, बल्कि सिंचाई विभाग में क्लर्क की नौकरी लगवाने के नाम पर तीन लाख रुपये लिए गए। सात लाख रुपये में नौकरी का आश्वासन दिया था। मगर, राजेश की भी नौकरी नहीं लगी। वह अपनी रकम वापस पाने के लिए भटक रहा है।

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