नई दिल्ली। देश में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे पारले-जी बिस्कुट के बारे में पता ना हो। पारले-जी बिस्कुट भारतीय जनमानस के साथ सालों से उसके बचपन के साथी के जैसा जुड़ा हुआ है। देश में सबसे अधिक बिकने वाला बिस्कुट आज भी लोगों को 5 रुपए में मिल रहा है। एक और जहां महंगाई आसमान छू रही है, तो वहीं दूसी ओर पिछले 25 सालों से पारले-जी लोगों के बीच 5 रुपए में उपलब्ध है। हालांकि पैकेट का वजन जरूर कम हुआ है।
आने वाले दिनों में बिस्किट सस्ता हो सकता है अब पारले-जी अपने इस बिस्कुट की कीमतों में कटौती करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी बिस्किट के दाम में कमी के साथ-साथ पैकेट के वजन में बढ़ोतरी भी कर सकती है। पारले जी के अधिकारियों का कहना है कि हाल में एग्रीकल्चर कमोडिटीज की कीमतों में कमी आई है। अगर यह कमी बरकरार रहती है तो आने वाले दिनों में बिस्किट सस्ता हो सकता है।
पारले-जी ने 5 रुपए वाले बिस्कुट को लेकर लिया बड़ा फैसला बिजनस टुडे की खबर के मुताबिक पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर कैटगरी हेड मयंक शाह ने बताया कि, पिछले दो साल में कई बार कीमतों में इजाफा हुआ। लेकिन हाल के दिनों में एग्री कमोडिटीज की कीमतों में नरमी आई है। इससे रोजाना इस्तेमाल होने वाली पैकज्ड वस्तुओं की कीमतों में कमी का दौर शुरू हो सकता है। यदि मौजूदा ट्रेंड जारी रहता है तो आने वाले समय में बिस्किट के दाम में 10 से 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है।
कंपनी के मुनाफे में आई कमी शाह कहते हैं कि पिछले डेढ़ साल में कंपनियों के पास कीमतों में बढ़ोतरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यहां तक कि वॉल्यूम में बढ़ोतरी के बावजूद ग्राहकों ने अपने खर्च में कौटती करना शुरू कर दिया। हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले इंडिया जैसे पैकेज्ड सामानों के निर्माताओं ने इस अवधि के दौरान न केवल अपने वॉल्यूम में गिरावट देखी, बल्कि इस अवधि के दौरान मार्जिन में भी कमी दर्ज की गई।
इस वजह से बढ़ानी पड़ी थी कीमतें कोविड के कारण सप्लाई चेन प्रभावित हुआ था। कंटेनर की कमी के कारण कच्चे तेल और अन्य वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई थी। रूस-यूक्रेन संकट के कारण गेहूं और सूरजमुखी के तेल की कीमतों में भी इजाफा हुआ था। इस तरह की तमाम वजहों की चलते पारले प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियों का उत्पादन लागत 35 फीसदी तक बढ़ गया था। लेकिन अब चीजें सुधर रही हैं। शाह ने बताया कि, अगर कीमतें कम नहीं होती है तो उसी कीमत पर बिस्किट के पैकट के साइज को बढ़ाया जा सकता है।
कोरोना में टूटा गया था ब्रिकी का 82 साल का रिकॉर्ड आज तक एक छोटे पैकेट की कीमत 5 रुपए ही है। लेकिन समय के साथ इसके वजन में कमी आती गई। पहले 5 रुपए वाला पारले जी बिस्कुट 100 ग्राम के पैकेट के साथ शुरू हुआ और कुछ साल बाद उन्होंने इसे 92.5 ग्राम और फिर 88 ग्राम कर दिया। 5 रुपए की कीमत वाले छोटे पैकेट का वजन अब केवल 55 ग्राम रह गया है। 1994 में शुरुआत के बाद से अब तक हुई ये कटौती 45 प्रतिशत है। कोरोना काल में इस बिस्किट की बिक्री के रिकॉर्ड टूट गए थे। साल 2020 में लॉकडाउन के समय पारले जी बिस्किट की जबरदस्त बिक्री हुई थी। यह बिक्री इतनी अधिक थी कि, 82 वर्षों का रेकॉर्ड टूट गए। पारले जी के 5 रुपये के पैकेट की देश में जमकर बिक्री होती है।