छत्तीसगढ़ की कोसा सिल्क की साड़ियां कोलंबो के बाजारों में जल्द दिखाई देनी वाली हैं. अब हमरारी ये देशी कोसा सिल्क की साड़ियों श्रीलंका की महिलाओं की भी खूबसूरती में चार चांद लगाएगी.
छत्तीसगढ़ के जांजगीर, रायगढ़, बिलासपुर सहित कोरबा के कोसा सिल्क की आपूर्ति धीरे-धीरे श्रीलंका के अन्य शहरों में भी होगी. छत्तीसगढ़ के कोसा सिल्क की साड़ियों को लेकर श्रीलंका की महिलाओं ने रुचि दिखाई है. इसी वजह से श्रीलंका की सरकार ने छत्तीसगढ़ से हैंडलूम उत्पादों को लेकर एक समझौता किया है.
व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेला में छत्तीसगढ़ हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ बिलासा एम्पोरियम और श्रीलंका के सहकारिता विकास विभाग की ओर से एक साझा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया. समझौते के तहत अब आपसी व्यापार और व्यवसाय में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. यह समझौता दो सालों के लिए किया गया है. समझौते के तहत दोनों देश के बीच हैंडलूम उत्पादों के संबंध में व्यापार और व्यवसाय की रुचि को समझकर, तकनीकों का आदान-प्रदान, अनुभवों और उद्देश्यों को समझा जाएगा. दोनों देशों की ज़िम्मेदारी होगी कि वे अपने आइडिया और अनुभव एक दूसरे से साझा करेंगे.
लोगों को होगी आसानी
इस समझौते के बाद छत्तीसगढ़ और श्रीलंका के हैंडलूम उत्पाद आसानी से लोगों को अपने ही देशों में उपलब्ध हो सकेगा. बता दें कि पिछले दिनों कोसा साड़ियों के कुछ सैंपल श्रीलंका भेजे गए थे, जिसके बाद वहां की महिलाओं ने छत्तीसगढ़ की सिल्क साड़ियों में रुचि दिखाई थी. श्रीलंका के कोआपरेटिव विभाग के असिस्टेंट कमिशनर नीलांगा डी सोमपाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ का कोसा सिल्क श्रीलंका में काफ़ी पसंद किया जा रहा है. यहां के कोसा सिल्क में उच्च गुणवत्ता और महीन बुनकरी का काम होता है. वह बाजार में लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. उन्होंने बताया कि श्रीलंका से आए ग्राहकों का रुझान छत्तीसगढ़ के टसर सिल्क, घीचा सिल्क, लिनेन, रॉ सिल्क की ओर काफी है. आरी सिल्क और मटका टसर रेयर होने की वजह से श्रीलंका के लोग इसे पसंद कर रहे हैं.