राजधानी भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद लगातार शहर में ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में सख्ती जारी है। ट्रैफिक पुलिस की अनुशंसा पर परिवहन विभाग ऐसे लोगों पर कार्रवाई करके उनके ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करता है। बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल से अब तक करीब 750 वाहन चालकों के लाइसेंस सस्पेंड किए जा चुके हैं, जो शराब पीकर वाहन चलाते पकड़े गए थे। हाल में ही क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी आरटीओ ने ऐसे (250) लोगों के परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिए थे। जिन की सिफारिश ट्रैफिक पुलिस ने की थी बताया जा रहा है कि आरटीओ के नोटिस जारी होने के बाद भी इन वाहन चालको ने अपील नहीं की थी, ऐसे में इन पर कार्रवाई की गई।
पक्ष मजबूत होने पर दी जाती है राहत ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड होने को लेकर भोपाल आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस की अनुशंसा पर ड्राइविंग लाइसेंस के सस्पेंशन की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है। उंडियल धारको का पक्ष आरटीओ द्वारा सुना जाता है जो आवेदन करते हैं पक्ष मजबूत पाया जाता है तो उसे ही डीएल सस्पेंशन जैसे मामलों में राहत दी जाती है। अन्यथा सस्पेंशन किया जाता है।
कोर्ट के निर्देश पर होता है एक्शन
बताया जा रहा है कि ड्रिंक एंड ड्राइव संबंधी ज्यादातर मामलों में ट्रैफिक पुलिस द्वारा बीट एनालाइजर से जांच पड़ताल करके वाहन चालक को केस बनाते हैं। इसके बाद केस कोर्ट भेज दिया जाता है। कोर्ट से ही ऐसे मामलों में लाइसेंस सस्पेंड करने के आदेश दिए जाते हैं हालांकि यह आदेश ट्राफिक पुलिस की सिफारिश आधार पर होते हैं।
डेढ़ सौ से अधिक पर आगे हो सकती है कार्रवाई
परिवहन अधिकारियों की मानें तो आरटीओ में समय-समय पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की अनुशंसा आती रहती है। इस पर एक के आधार पर कार्रवाई करके एक्शन लिया जाता है आगामी दिनों में डेढ़ सौ से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस पर एक्शन लिया जाना है। इनके केस में प्रक्रिया जारी है। जल्द ही संभवत 15 जून के बाद इन पर कार्यवाही भी हो सकती है। ऐसे में यदि इन पर एक्शन लिया गया तो यह आंकड़ा 900 तक पहुंच जाएगा।