वीजा और पासपोर्ट को लेकर एक तरफ जहां सरकार बेहतर व्यवस्था का दावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ लोग ऑफिसों का चक्कर काटकर परेशान हो गए हैं। इसी सिलसिले में एक ताजा मामला सामने आया है, जहां एक परिवार अपना वीजा रिन्यू कराने वॉशिंगटन डीसी से अपने देश भारत लौटे थे। पूरा परिवार दो हफ्ते का प्लान बनाकर आया था, लेकिन ऑफिसों के चक्कर में वह वहां फंस गए हैं। उनका कामकाज, बच्चों की पढ़ाई सहित कई चीजों का नुकसान हो रहा है। वैसे ये पूरा मामला साफ तौर पर दर्शा रहा है कि हमारा सिस्टम कैसे काम करता है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सौरव मजूमदार अपने परिवार सहित भारत आए हुए हैं ताकि वो अपना एच-वनबी वीजा रिन्यूअल कराने आए थे। लेकिन कागजी कार्रवाई में देरी के कारण अब वह यहां फंसे हुए है। उनके दो बच्चे भी हैं, जो अमेरिका में ही पढ़ते हैं। माता-पिता के फंसे होन के कारण बच्चे भी यहीं हैं और उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।
सौरव मजूमदार की पत्नी इश्तिा मेनन का कहना है कि हमने इतना नहीं सोचा था कि हमारे साथ ये सबकुछ होगा। इश्तिा जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं। सौरव का कहना है कि अपने 6 साल के बेटे को यह बताना बहुत मुश्किल पड़ रहा है कि हम वापस क्यों नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे के शिक्षक क्लास की फोटो भेजते हैं और बताते हैं कि वो लोग कितना उसे याद कर रहे हैं।
सौरव और इश्तिा 19 साल पहले अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए यूएस गए थे। सौरव ने कहा कि ‘वो बहुत सारे देशों में रह चुके हैं, लेकिन वॉशिंगटन डीसी से उनको प्यार है। और दूसरे जगहों के लोगों से बिल्कुल अलगा हैं यूएस के लोग। वहां के लोग बहुत ही शानदार हैं।’
पूरा परिवार करीब छ महीने से अपने वीजा को रिन्यूअल कराने के इंतजार में है। सौरव अपने परिवार के साथ हर तीन साल पर आते हैं और पासपोर्ट के साथ-साथ वीजा भी रिन्यूअल कराते हैं। वहीं बच्चे भी अपने दादा-दादी से मिल पाते हैं। लेकिन इस बार उनको आए हुए काफी लंबा समय हो गया है लेकिन अभी तक कागजात तैयार नहीं हुए हैं। हालांकि परिवार ने अमेरिका में रहने के लिए आठ साल पहले ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर दिया है।
परिवार के साथ सब खुश थे। उन्हें लगा कि अब उनका पासपोर्ट तैयार हो जाएगा। जब उसे एक ईमेल मिला, आठ दिन बाद, यह कहते हुए कि उसका पासपोर्ट तैयार था तो परिवार में खुशी थी। लेकिन जब वह उसे लेने गया, तो कोई मुहर नहीं थी। इसके बजाय, उन्हें एक पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि उन्हें इंटरव्यू के लिए आने की आवश्यकता है।
इसलिए वह अगले दिन गया, एक सीधा इंटरव्यू हुआ, फिंगरप्रिंट मिला, और एक दस्तावेज मिला, जिसमें बताया गया कि सब कुछ आयोजित किया जा रहा है। परिवार ने अपने डीसी के लिए बुक की गई 13 अगस्त के हवाई जहाज के टिकट को कैंसल कर दिया और वकील को काम पर रखा।
विदेश विभाग मजूमदार के ईमेल का जवाब एक चेतावनी के साथ दिया कि “प्रशासनिक प्रसंस्करण की स्थिति के बारे में पूछताछ करने से पहले, आवेदकों को साक्षात्कार की तारीख से कम से कम 180 दिनों तक इंतजार करना चाहिए या पूरक दस्तावेजों को प्रस्तुत करना चाहिए, जो भी बाद में हो।”