हैदराबाद और उन्नाव रेप केस को लेकर जहां लोगों में आक्रोश व्याप्त है, वहीं इस पर नेता सियासत कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत को दुनिया का रेप कैपिटल बता दिया है. यह उनका बड़ा क्रूर बयान है. हां, यौन शोषण और रेप के मामले नहीं होने चाहिए, लेकिन राहुल गांधी का रेप कैपिटल वाला बयान गलत है. अगर में देखें तो कई देश ऐसे हैं जिसकी आबादी भारत से छोटी है, लेकिन वहां ज्यादा महिलाएं शारीरिक या यौन हिंसा की शिकार होती हैं.
जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर वूमेन, पीस एंड सिक्योरिटी की हालिया रिपोर्ट में 167 देशों में हम 133वें स्थान पर हैं. थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के एक अन्य वैश्विक सर्वेक्षण में महिलाओं के लिए 10 सबसे खतरनाक देशों की सूची में भारत को पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भी ऊपर पर रखा गया है. इस आकड़ों के अनुसार तो भारत दुनिया का रेप कैपिटल नजर नहीं आ रहा है.
आपको बता दें कि यौन हिंसा किसी एक देश की महिलाओं की समस्याएं नहीं हैं. इस समस्या से पूरी दुनिया की महिलाएं जूझ रही हैं. अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे सबसे विकसित देशों में रेप की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं. दुनिया में करीब 36 प्रतिशत महिलाएं शारीरिक या यौन हिंसा की शिकार बनी हैं.
यूएस में 12 से 16 साल की 83 फीसदी लड़कियों का किसी-न-किसी रूप में यौन उत्पीड़न किया गया है. इंग्लैंड में हर 5 में एक महिला किसी-न-किसी रूप में यौन हिंसा का शिकार हुई हैं. दक्षिण अफ्रीका रेप की घटनाओं के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है. यहां प्रतिदिन औसतन 1400 रेप की घटनाएं होती हैं. इनमें करीब 20 फीसदी घटनाओं में पुरुष भी शिकार बनते हैं.
दक्षिण अफ्रीका में हर साल 5,00,000 रेप की घटनाएं होती हैं. इस आंकड़े के साथ अफ्रीका दुनिया में रेप की घटना के मामले में सबसे ऊपर है. दक्षिण अफ्रीका की 40 फीसदी से ज्यादा महिलाएं अपने जीवनकाल में कम-से-कम एक बार रेप की शिकार होती हैं. दक्षिण अफ्रीका के टीयर्स फाउंडेशन और मेडिकल रिसर्च काउंसिल के अनुसार, 18 वर्ष की आयु से कम आयु के 50 फीसदी बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. एक रिपार्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में करीब 20 फीसदी पुरुष रेप के शिकार बने हैं.
स्वीडन (Sweden) दूसरा ऐसा देश है, जहां सबसे अधिक रेप के मामले सामने आए हैं. स्वीडन में हर चार में से एक महिला रेप की शिकार हुई है. स्वीडन की पुलिस ने 1975 में 421 रेप के मामले दर्ज किए. साल 2014 में ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़कर 6,620 हो गई, यानी स्वीडन में रेप की घटनाओं में 1472 फीसदी की वृद्धि हुई. इस आधार पर कहा जा सकता है कि स्वीडन महिलाओं के लिए खतरनाक देश है.
पूरे यूरोप में स्वीडन में रेप की दर सबसे अधिक है. स्वीडिश नेशनल काउंसिल फॉर क्राइम प्रिवेंशन के अनुसार, स्वीडन पुलिस ने 2013 में हर 100,000 लोगों पर 63 रेप के मामले दर्ज किए थे. स्वीडन में बलात्कार के मामलों पर काम करने वाले वकीलों का कहना है कि तीन में से एक स्वीडिश महिला का यौन उत्पीड़न बचपन में हो जाता है.