अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। देश के अनुभवी पुरातत्वविद् और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित ब्रजबासी लाल (BB Lal) का शनिवार को निधन हो गया। उन्होंने 101 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। बीबी लाल ने 1968 से 1972 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक के रूप में कार्य किया। उन्होंने ही 70 के दशक में अयोध्या में विवादित ढांचे के पास मंदिर के अवशेष जैसे- स्तंभ, मूर्तियां आदि की खोज की थी। इसी स्थान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। लाल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई हस्तियों ने दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि बीबी लाल एक महान व्यक्ति थे। उनका संस्कृति और पुरातत्व में योगदान अद्वितीय है। पूरा देश उन्हें एक महान बुद्धिजीवी के रूप में याद करेगा, जिन्होंने हमारे समृद्ध अतीत के साथ हमारे जुड़ाव को और गहरा किया। उनके निधन से मैं दुखी हूं, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और करीबियों के साथ हैं। ओम शांति। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा कि एएसआई के पूर्व महानिदेशक ब्रजबासी लाल जी ने भारत के अनेक प्राचीन संरचनात्मक अवशेषों की खोज कर देश के गौरवशाली इतिहास को विश्व के सामने रखने में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके निधन से देश ने एक महान पुरातत्वविद को खो दिया है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।
लोधी श्मशान में दी गई आखिरी विदाई बीबी लाल उम्र संबंधित बीमारियों से ग्रसित थे। अपने पीछे वो एक असाधारण विरासत छोड़ गए हैं। उनको एएसआई के सबसे युवा महानिदेशकों में गिना जाता है। उनके विभिन्न कार्यों के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को लोधी श्मशान घाट में किया गया, जहां पर एएसआई के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर मणि समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
वहीं एएसआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि पुरातत्व में पद्म विभूषण प्रोफेसर बीबी लाल का योगदान माप से परे है। अपने क्षेत्र के लिए उन्होंने पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वो भले ही दुनिया से चले गए, लेकिन उनका काम अभी जारी है। आने वाली पीढ़ियां उनके ज्ञान से प्रभावित होंगी और बहुत कुछ सीखेंगी। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।