रायपुर। प्रदेश में खाली हो रहे दो राज्यसभा सीटों के लिए रायपुर से लेकर दिल्ली तक सियासी दांवपेच तेज हो गई है। दावेदारों ने दिल्ली में डेरा जमा लिया है। नामों की लंबी फेहरिस्त होने के कारण हाईकमान में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम से सर्वमान्य हल निकालने के लिए दिल्ली बुलाया है। 28 को हाईकमान के साथ हुई बैठक में कोई परिणाम निकल कर नहीं आया। प्रदेश में राज्यसभा में जाने वालों के दावों को लेकर यह माना जा रहा है कि एक सीट आलाकमान की पसंद पर कांग्रेस के किसी राष्ट्रीय चेहरे के खाते में जा सकता है। जबकि दूसरी सीट से सामान्य या अनुसूचित जाति वर्ग के प्रत्याशी को टिकट दिया जा सकता है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि अब तक ओबीसी वर्ग से छाया वर्मा, आदिवासी वर्ग से फुलोदेवी नेताम को राज्यसभा भेजा जा चुका है। ऐसे में सामान्य या एससी वर्ग की संभावना अधिक है। फिलहाल दिल्ली में गिरीश देवांगन, किरणमयी नायक, सतीश चंद्र वर्मा, विनोद वर्मा भी डटे हुए है। उनके नामों पर भी चर्चा हो रही है। सीट को लेकर बढ़ते राजनीतिक घमासान को देखते हुए हाईकमान दोनों सीटों को दिल्ली के खाते में डाल कर विवाद को खत्म करने की कोशिश करे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को मनाने की दिशा में कदम उठाते हुए जी-23 के किसी असंतुष्ट नेता को राज्यसभा पहुंचा सकती है। विगत डेढ़ माह पूर्व जनता से रिश्ता ने अपनी राजनीतिक रिपोर्ट छापकर पहले ही बता दिया था कि छत्तीसगढ़ की दोनों सीटें आलाकमान अपने खाते में ले सकते हैं। जिसमें प्रियंका गांधी का नाम प्रमुखता से शामिल है। कांग्रेस पार्टी के आपसी खिंचतान और प्रदेश अध्यक्ष की अधिक महत्वाकांक्षा के चलते आलाकमान अपना सरदर्द का इलाज के रूप में छत्तीसगढ़ की दोनों राज्यसभा सीटें दिल्ली के नेताओं के खाते में जा सकती हैं।