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राजनांदगांव : कबाड़ हो रही ई-लाइब्रेरी, लगातार बढ़ रहीं चोरी की घटनाएं

स्टेट स्कूल के पीछे स्थित पुराने ग्रंथालय को तोड़कर करीब 55 लाख की लागत से ई-लाइब्रेरी का निर्माण जनवरी 2016 में कराया गया। लेकिन तीन साल के भीतर ही लाइब्रेरी कबाड़ में बदल रही है। लाइब्रेरी में पहुंचने वाली मासिक पत्रिकाओं की संख्या भी कम हो चुकी है। पुस्तकों की संख्या भी लगभग आधी हो चुकी है। यह ही नही बरसात का पानी भी छत से टपकने लगा है। पीने के पानी के लिए विद्यार्थियों को बाहर भटकना पड़ रहा है। तीन साल के अंतराल में ही लाइब्रेरी का हाल बेहाल हो चुका है। लाइब्रेरी में पढने आने वाले बच्चों की संख्या भी धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

0 चोरी हो गई लाइट

ई-लाइब्रेरी को डिस्प्ले करने वाले लेटर तो महीनों से बिखर चुके हैं। लाइब्रेरी के सामने लगाए गए पौधों के ट्री-गार्ड व मेन दरवाजे के ऊपर की बड़ी लाइट को भी चोरो ने नही छोड़ा है। नतीजा यह है कि पिछले कई दिनों से लाइब्रेरी के बाहर अंधेरा छाया रहता है। लगातार बढ रही चोरी की घटनाओं की शिकायत कई बार लाइब्रेरी प्रशासन ने पुलिस से की है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नही की गई है। यही कारण है कि रात होते ही लाइब्रेरी परिसर में अवांछित तत्वों का डेरा लगा रहता है। सुबह डिस्पोजल, शराब की बोतलें पड़ी मिलती है।

0 महिला, पुरुष के लिए एक ही शौचालय

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर शौंचालय शहर के डिजिटल लाइब्रेरी में ही धराशाई होती नजर आ रही है। लगभग 55 लाख की लागत से बने डिजिटल ई-लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों के लिए परिसर में भले ही महिला पुरुष के लिए अलग शौचालय बनाए गया है। लेकिन उसमें ताला लगा होने के कारण महिला पुरुष दोनों वर्ग एक ही शौंचालय में जाने मजबूर हैं। आलम यह है कि कई छात्राओं को शौंचालय का उपयोग करने मजबूरन वापस घर जाना पड़ रहा है। उक्त मामले में लाइब्रेरी इंचार्ज एनएस पट्टा से मो 9179675266 में संपर्क किया गया नेकिन बात नही हो सकी।

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