लखनऊ। गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को लेकर यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आरोपी से पूछताछ के बाद कहा कि मुर्तजा आईएसआईएस प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेहदी मसरूर बिस्वास के संपर्क में था. यही नहीं, आरोपी आईएसआईएस की आतंकी विचारधारा को बढ़ाने वाले जेहादी साहित्य से प्रभावित था।
इसके साथ प्रशांत कुमार ने कहा कि 2013 में मुर्तजा ने अंसार उल तौहीद आतंकी संगठन की बैयत (शपथ) ली थी, लेकिन 2014 में इस संगठन का आईएसआईएस में विलय हो गया था. इसके बाद 2020 में मुर्तजा ने आईएसआईएस की दोबारा शपथ ली थी. मुर्तजा अब्बासी की विभिन्न सोशल मीडिया, बैंक खातों का लेनदेन और ऑनलाइन वॉलेट की जांच की. यही नहीं, आरोपी ने अपने बैंक खातों से करीब साढे आठ लाख रुपये यूरोप और अमेरिका के देशों में आईएसआईएस संगठन के समर्थकों के माध्यम से आतंकवादी गतिविधियों के लिए भेजे थे।
आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी का था ये प्लान
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, अहमद मुर्तजा अब्बासी ने आतंकी घटना के लिए इंटरनेट से एके-47, M4 कार्बाइन और मिसाइल टेक्नोलॉजी के वीडियो देखे थे. इसके अलावा फायरिंग के लिए एयर राइफल से मुर्तजा ने प्रैक्टिस की थी. एडीजी के मुताबिक, आरोपी का प्लान गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर बांके से हमला कर उनके हथियार छीन कर बड़ी घटना को अंजाम देना था, लेकिन पुलिस ने समय रहते उसे काबू कर लिया।
बता दें कि 3 अप्रैल की शाम गोरखनाथ मंदिर में आईआईटी स्नातक अहमद मुर्तजा अब्बासी ने मंदिर परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की और सुरक्षाकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला किया था, जिससे पीएसी के दो कांस्टेबल घायल हो गए थे. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने उसे जल्द ही काबू में कर गिरफ्तार कर लिया था. यही नहीं, आरोपी पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) लगाया गया है. जबकि यूपी एटीएस ने आरोपी मुर्तजा के ऊपर यूएपीए लगने के बाद केस एनआईए को ट्रांसफर कर दिया है।