Russia-Ukraine War: रूसी समाचार एजेंसियों ने दावा किया है, कि यूक्रेन ने रूस के अंदर घुसकर उसके एयरबेस पर जबरदस्त हमला किया है, जिसमें रूस के तीन सैनिक मारे गये हैं। रूसी समाचार एजेंसियों ने रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया है कि, सोमवार अल-सुबह यूक्रेन के एक ड्रोन का मलबा गिरने से तीन रूसी सैन्यकर्मियों की मौत हो गई, जिसे रूस के सेराटोव क्षेत्र में एक अड्डे पर हमला करने के दौरान मार गिराया गया था।
रूसी सैनिकों पर गिरा यूक्रेनी ड्रोन
समाचार एजेंसियों ने रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया है कि,”सेराटोव क्षेत्र में एंगेल्स सैन्य हवाई क्षेत्र के पास पहुंचने के दौरान एक यूक्रेनी मानवरहित ड्रोन को कम ऊंचाई पर मार गिराया गया, लेकिन ड्रोन के गिरने से तीन रूसी सैनिक, जो उस वक्त हवाई क्षेत्र में मौजूद थे, वो मारे गये हैं।” रिपोर्ट के मुताबिक, मॉस्को से लगभग 730 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में सेराटोव शहर के पास और यूक्रेन में अग्रिम पंक्ति से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेस पर इससे पहले यूक्रेन ने 5 दिसंबर को भी हमला किया था। रूस का दावा है कि, यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के अंदर घुसकर उसके दो हवाई ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। वहीं, सैन्य विश्लेषकों ने कहा कि, इन दो हमलों ने रूस के सैन्य प्रतिष्ठान को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है, इसके साथ ही रूस की सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े किए हैं। सवाल ये उठ रहे हैं, कि आखिर रूस की सुरक्षा क्यों फेल हो गई और रूस के एयर डिफेंस सिस्टम यूक्रेन के ड्रोन की पहचान करने और उन्हें मार गिराने में क्यों नाकाम हुए हैं।
यूक्रेन ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
हालांकि, यूक्रेन ने कभी भी रूस में हुए हमलों को लेकर सार्वजनिक जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यूक्रेन ने ये जरूर कहा है, कि ऐसी घटनाएं रूस के आक्रमण के लिए “कर्म” हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, यूक्रेनी ड्रोन गिरने से रूस के विमानन उपकरण क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं, लेकिन अनौपचारिक रूसी और यूक्रेनी सोशल मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कई विमानों को नष्ट कर दिया गया है। वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने स्वतंत्र रूप से रिपोर्टों को सत्यापित नहीं किया है। इससे पहले सोमवार को सेराटोव क्षेत्र के गवर्नर रोमन बसरगिन ने कहा था, कि इस घटना में नागरिक बुनियादी सुविधाओं को नुकसान नहीं पहुंचा है। बसरगिन ने कहा कि, “निवासियों के लिए बिल्कुल कोई खतरा नहीं है … नागरिक बुनियादी सुविधाओं को नुकसान नहीं पहुंचा है।”
‘UNSC से बाहर हो रूस’
वहीं, ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस को हटाने के लिए एक मुहिम चलाने की योजना बना रहा है। यूक्रेन के विदेश मंत्री द्मित्रो कुलेबा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा, रविवार देर रात एक राष्ट्रीय टेलीविजन मैराथन के दौरान कहा कि, “कल हम आधिकारिक तौर पर अपनी स्थिति व्यक्त करेंगे। हमारे पास एक बहुत ही सरल प्रश्न है, कि क्या रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बने रहने और संयुक्त राष्ट्र में रहने का अधिकार है?”
‘राजनयिक हलकों में चर्चा’
उन्होंने कहा कि, “हमारे पास एक ठोस और तर्कपूर्ण उत्तर है, कि नहीं, रूस को यूएनएससी में रहने का कोई अधिकार नहीं है।” कुलेबा ने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के पास वीटो पॉवर है, जो अमेरिका के साथ साथ ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के पास भी है और राजनियक हलकों में अब इसकी चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि, “इन मुद्दों पर अभी तक प्रेस कॉन्फ्रेंस या किसी भी देश की सरकार ये नेताओं द्वारा सार्वजनिक बयान नहीं दिए हैं, लेकिन नीचले स्तर पर लोगों ने ये सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं, कि क्या शांति के लिए खतरा पैदा करने वाले रूस के लिए इसमें रहने का अधिकार होना चाहिए या नहीं?”