वैसे अक्सर मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अपवित्र और अछूत माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि कई जगह तो इस समय महिलाओं को घर से बाहर भी रखा जाता है।
आपको बतादें की मानव जीवन में तन से ज्यादा पवित्रता मन की होती है। वैसे तो धर्म ये नहीं कहता की पीरियड्स के दौरान महिला अपवित्र हो जाती है। लेकिन महिलाओं को इस समय में दूरी बनाने की धारणा समाज द्वारा ही बनाई गई है।
महिलाएं होती है धार्मिक कार्यों से दूर:
आपको बतादें की दुरी बनाने का मुख्य कारण यह था की उस आये समय में उन्हें शारीरिक कष्टों से जूझना पड़ता है। अब ऐसे में उस दौर पर उन्हें बेहद रूप से आराम की आवश्यकता होती है। जो उन्हें अपने गृहस्थ के काम काज न करने से मिल सकती है।
वैसे बतादें की काम काज से दूर रखते हुए आज उन्हें धर्म -कर्म से दूर की भी धारणा को अपना लिया गया। अब यह धारण अपनाने वाला उसी महिला समाज का ही निर्णय है।
ऐसे में महिलाओं द्वारा ही सांसारिक आडम्बरों को अपनाकर टोटके और नुक्से निकालना, कोई भी नियम का रूप ले लेता है।
वैसे तो यह जरूरी नहीं की तन पवित्र हो इंसान का मन पवित्र होना चाहिए। तभी मन पवित्र हो कई बार हम अपने तन को बड़ी ही साफ सफाई के साथ सजाते सवारते है और भक्ति के मार्ग में निकलते है।