प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और बीजू जनता दल की तारीफ की. पीएम ने कहा कि इन दोनों दलों ने आपस में तय किया था कि चाहे जो भी मुद्दा हो, हंगामा करने के लिए वे वेल (सदन के बीच का हिस्सा) में नहीं जाएंगे. फिर भी एनसीपी-बीजेडी की राजनीतिक यात्रा में कोई रुकावट नहीं आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘सदन संवाद के लिए होना चाहिए, भारी बहस हो लेकिन रुकावटों के बजाय संवाद का रास्ता चुनें.’
राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण की खास बातें:-
1. पीएम मोदी ने कहा, ‘सदन के दो पहलू खास हैं. एक स्थायित्व और दूसरा विविधता. लोग आते हैं और जाते हैं लेकिन, स्थायित्व बना रहता है. यह भारत के संघीय ढांचे की आत्मा हर पल प्रेरित करती है.’
2. उन्होंने कहा, ‘भारत की अनेकता में एकता का जो सूत्र है, उसकी सबसे बड़ी ताकत सदन में नजर आती है. हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देश में उन लोगों की उपयोगिता कम नहीं होती है. उनका अनुभव और सामर्थ्य कम नहीं होता है. उनका लाभ देश के राजनीतिक जीवन, नीति निर्धारण में मिलता है.’
3. पीएम ने कहा कि देश को दिशा देने का काम इस सदन ने पहले किया है. लोकसभा ने बाद में किया. भारत विविधताओं से भरा हुआ है और हमें राष्ट्रीय दृष्टिकोण से ओझल नहीं होना है. राज्यसभा हमें यही राष्ट्रीय दृष्टिकोण देती है.’
4. उन्होंने कहा, ‘पूर्व पीएम अटल विहारी वाजपेयी ने 2003 में राज्यसभा के 200वें सत्र के दौरान कहा था कहा था कि किसी को भी हमारे सेकंड हाउस को सेकंडरी हाउस बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. हमें इसे आत्मसात करना चाहिए कि संसद का सेकंड हाउस कभी सेकेंडरी हाउस नहीं हो सकता.’
5. पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था. उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला. लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी. ये हम सबके लिए स्मरणीय है.’
6. मोदी ने कहा, ‘राज्यसभा का फायदा है कि यहां वैज्ञानिक, कलाकार और खिलाड़ी जैसे तमाम व्यक्ति आते हैं जो लोकतांत्रिक तरीके से चुने नहीं जाते हैं. बाबा साहेब इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. वे लोक सभा के लिए नहीं चुने जा सके, लेकिन वे राज्यसभा पहुंचे. बाबा साहेब अंबेडकर के कारण देश को बहुत कुछ प्राप्त हुआ.’
7. पीएम ने कहा कि अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है. कितना अच्छा योगदान इसने दिया है, जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है.
8. पीएम मोदी ने कहा कि संसद के उच्च सदन ने कई ऐतिहासिक पल देखें है और इतिहास बनाया भी है. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर इतिहास को मोड़ने में भी सफलता पाई है.
पीएम ने कहा- हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है सरकार
संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से कहा, ‘ये 2019 का आखिरी सत्र है और बहुत महत्वपूर्ण है. इस सदन के माध्यम से देशवासियों के लिए भी एक जागृति का अवसर बन सकता है.’ पीएम मोदी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है. मुझे उम्मीद है कि इस सत्र को सुचारू रूप से चलाने में सभी दलों का सहयोग मिलेगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संविधान देश की एकता, अखंडता और विविधता को समेटे हुए है. बीते दिनों सभी दल के नेताओं से मिलने का मौका मिला है, जैसे पिछली बार सभी दलों के सहयोग के कारण चला था, ऐसा ही इस बार भी होने की उम्मीद है.’ पीएम मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से कहा कि हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहते हैं, वाद हो-विवाद हो और इसके साथ ही सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने को योगदान दें.