भारत की मेंहदी पाउडर, मिर्च , वैल्यू ऐडेड टी और मोरिंगा पाउडर में देश के दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार चीन की दिलचस्पी बढ़ी है. इसलिए चीन, भारत से इन कृषि उत्पादों को आयात बढ़ाना चाहता है. शंघाई में हुए हालिया इम्पोर्ट फेयर में चीनी कारोबारियों ने इन कृषि उत्पादों के बारे में जानकारी ली थी. 5-10 नवंबर तक शंघाई में हुए दूसरे चाइना इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो में तमिलनाडु के एक हीना पाउडर एक्सपोर्टर ने 3 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर बुक किए हैं.
प्रोडक्ट्स की हुई एन्क्वाइअरी- इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हर्बल उपयोग के लिए कृषि उत्पादों विशेषतौर पर मोरिंगा पाउडर, मिर्च पाउडर और वैल्यू ऐडेड टी के लिए काफी एन्क्वाइअरी मिली है.
6 महीने में 20 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट- भारत ने इस साल 2019-20 में अप्रैल से सितंबर के दौरान इन प्रॉडक्ट्स का करीब 20 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट किया है. चीन अपने बड़े ट्रेडिंग पार्टनर्स के साथ व्यापार घाटे (Trade Deficit) को कम करना चाहता है और इसी के लिए इम्पोर्ट एक्सपो जैसी कोशिशें की जा रही हैं.
मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में चीन को भारत का एक्सपोर्ट 8.5 अरब डॉलर और इम्पोर्ट 36.3 अरब डॉलर का रहा. पिछले वित्त वर्ष में चीन के साथ भारत का ट्रेड डेफिसिट 53.6 अरब डॉलर का था.
ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन देना चाहता है चीन- अधिकारी ने कहा, चीन हमें ऐसे कृषि उत्पादों के लिए ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन उपलब्ध कराना चाहता है, क्योंकि चीन में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की डिमांड बहुत अधिक है. इंपोर्ट एक्सपो में फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल इक्विपमेंट एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, ट्रेड इन सर्विसेज, फूड एंड एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट्स जैसी मुख्य प्रॉडक्ट कैटेगरी थी. स्कैनर और इंजिनियरिंग प्रोडक्ट्स जैसे एरिया में भारतीय कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर पर भी बातचीत की गई.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने बताया, कई कंपनियां भारत को अपना एक्सपोर्ट बेस बनाने के साथ ही भारतीय मार्केट में भी बिजनस करना चाहती हैं. ऐसी कंपनियों के पास कम कॉरपोरेट टैक्स रेट का इंसेंटिव है.
चीन को भारत से मरीन उत्पादों का एक्सपोर्ट तिगुना- चीन को भारत के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी में मरीन प्रोडक्ट्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, प्लास्टिक्स, पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स, अंगूर और चावल का बड़ा योगदान है. चीन को भारत की ओर से मरीन प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट तिगुना हुआ है. 2019 के पहले 9 महीनों में यह लगभग 80 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया. इसके मौजूदा कैलेंडर ईयर के अंत तक 100 करोड़ डॉलर को पार करने की उम्मीद है.