हल्दीराम भारत का प्रमुख मिठाई एवं अल्पाहार निर्माता कम्पनी है। यह मूलतः नागपुर से आरम्भ हुई और वर्तमान में नागपुर्म कोलकाता, नई दिल्ली तथा बीकानेर में इसकी निर्माण इकाइयाँ हैं। हल्दीराम की अपनी स्वयं की रिटेल चेन स्टोर के अलावा नागपुर, कोलकाता, पटना, लखनऊ, नोएडा और दिल्ली में रेस्तारेन्त हैं।
देसी स्नैक्स बनाने वाली कंपनी हल्दीराम की कहानी भी गोल गप्पे, टिक्की और भेलपुरी के स्वाद जैसी चटपटी है. एक दुकान से शुरू हुई कंपनी अब देश की सबसे बड़ी स्नैक्स कंपनी गई है. हल्दीराम ने पेप्सिको को पीछे छोड़कर देश की सबसे बड़ी स्नैक कंपनी का दर्जा दो दशक से अधिक समय के बाद वापस हासिल कर लिया है. सितंबर में समाप्त हुए वर्ष में हल्दीराम की सेल्स 4,224.8 करोड़ रुपये रही.
इसके मुकाबले में पेप्सिको ने लेज, कुरकुरे और अंकल चिप्स जैसे ब्रांड्स से 3,990.7 करोड़ रुपये की बिक्री की है.आइए जानते हैं कि कैसे भुजियावाले के नाम से मशहूर दुकान करोड़ों रुपये का हल्दीराम ब्रैंड बन गई.
हल्दीराम जो आज एक प्रमुख मिठाई और नमकीन निर्माता कंपनी है, मुख्यतः नागपुर में स्थापित है. हल्दीराम के आज की तारीख में 100 से अधिक उत्पादो का निर्माता और विक्रेता है, परंतु इसकी कहानी भारतीय आजादी के पूर्व साल 1937 में शुरू हुई थी, इस समय गंगाविशन अग्रवाल नामक एक व्यक्ति ने अपने शहर बीकानेर राजस्थान में एक नाश्ते की दुकान शुरू की थी. यह वास्तव में इनके पिता श्री तनसुखदास जी के द्वारा शुरू किया गया भुजियाँ सेव का व्यापार था, परंतु इसका नाम इनके बेटे गंगाविशन जी के इसी छोटे से सेटअप के जरिये बना. इस व्यापार को इसके आगे बढ़ाने का श्रेय तनसुख जी के छोटे बेटे रामेश्वर जी को जाता है, इन्होने ही इस भुजियाँ सेव के व्यापार को आगे बढ़ाते हुये दक्षिण भारत के कलकत्ता में हल्दीराम भुजियावाला के नाम से एक दुकान शुरू करी. और यह नाम और दुकान हल्दीराम की सफलता की कहानी के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.
भारत के अलावा अब इस कंपनी के उत्पाद अन्य कई देशो जैसे यूनाइटेड किंगडम, श्रीलंका, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरटेस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजिलेंड, जापान और थायलैंड आदि देशो में भी निर्यात होते है.