अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, इस गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए हाई ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए अच्छी लाइफस्टाइल और उचित खानपान के साथ ही कुछ योगासनों का अभ्यास बेहतर तरीका हो सकता है। योग एक प्राकृतिक तरीका है जो न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखता है। यहां कुछ योगासन दिए जा रहे हैं, जिनसे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
वृक्षासन :
वृक्षासन शारीरिक तनाव दूर करने के साथ ही एकाग्रता में सुधारता करता है। साइटिका की समस्या से राहत दिलाता है और ब्लड शुगर के स्तर को काबू में रखता है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर दोनों पैरों के बीच लगभग 3 इंच की दूरी रखें। सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाई जांघ के पिछले हिस्से पर रखें। आंखों के समांतर किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें। अब सांस भरते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें और दोनों हाथों को आसमान की ओर ले जाएं व नमस्कार की तरह जोडें।
धनुरासन :
यह आसन शरीर के मुख्य अंगों, विशेषकर अग्न्याशय (पैंक्रियाज) को सक्रिय करता है, जो इन्सुलिन के उत्पादन में सुधार लाने में मदद करता है। धनुरासन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर हाथों से पकड़ें और शरीर को धनुष की तरह खींचें। इस स्थिति को 20-30 सेकंड तक बनाए रखें।
पश्चिमोत्तानासन :
उच्च रक्त शर्करा के स्तर को काबू में रखने के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास भी फायदेमंद हो सकता है। इस आसन के अभ्यास से पाचन में सुधार होता है। इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए मैट पर बैठकर पैरों को आगे फैलाएं। हाथों को उठाथे हुए धीरे धीरे आगे झुकें और पैर की उंगलियों को पकड़ने का प्रयास करें। सिर को घुटनों के पास रखें और 20 से 30 सेकेंड तक इसी स्थिति में बने रहें।
हलासन:
इस आसन के अभ्यास से पाचन तंत्र को उत्तेजित होता है और थायरॉयड व पैराथायरॉयड ग्रंथियों के कार्य में सुधार आता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। हलासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को धीरे धीरे ऊपर उठाएं और सिर के पीछे ले जाएं। इस मुद्रा में कुछ सेकेंड तक बने रहें और फिर पुर्व स्थिति में वापस आ जाएं।