Jawaharlal Nehru campus News: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस की कई दीवारों पर गुरुवार को ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे हुए थे। इन नारों में ‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘शाखा में वापस जाओ’ जैसे नारों को लिखकर परिसर के ब्राह्मणों को धमकी दी गई। जेएनयू विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है और कहा है कि परिसर को विकृत करने के लिए ‘अज्ञात तत्वों’ ने इस घटना अंजाम दिया है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
ब्राह्मण विरोधी नारे स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय भवन की दीवारों पर लिखे थे। नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, प्रवेश कुमार और वंदना मिश्रा सहित कई ब्राह्मण प्रोफेसरों के कक्षों की दीवार पर ‘गो बैक टू शाखा’ लिखा हुआ था। सोशल मीडिया पर जैसे ही नारों की तस्वीरें वायरल हुईं, ‘ब्राह्मण जीवन मायने रखता है’ ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा है। अधिकारियों ने एक बयान जारी कर आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय सभी धर्मों के लोगों का है। बयान में कहा गया है, “कुलपति, प्रोफेसर संतश्री डी पंडित ने एसआईएस, जेएनयू में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और फैकल्टी कमरों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है। प्रशासन इन बहिष्कारवादी प्रवृत्तियों की निंदा करता है।” इस घटना को लेकर जेएनयू शिक्षक मंच ने ट्वीट करते हुए लिखा, ”वामपंथी-उदारवादी गिरोह हर विरोध करने वाली आवाज को डराता है।”
एबीवीपी ने घटना की निंदा की और वामपंथियों पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया। एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, “एबीवीपी कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा अकादमिक स्थानों के बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की निंदा करता है। कम्युनिस्टों ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II बिल्डिंग में जेएनयू की दीवारों पर अपशब्द लिखे हैं। उन्होंने उन्हें डराने के लिए ये सब किया है।”