रायपुर। बिजली कंपनी ने प्रदेश की जनता को बड़ा झटका दिया है। कंपनी ने VCA में प्रति यूनिट 49 पैसे की बढ़ोतरी की है। बढ़ाया गया रेट नए साल यानी 1 जनवरी से लागू होगा। एनटीपीसी से महंगी बिजली मिलने के कारण VCA के रेट में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है। वीसीए की गणना प्रत्येक दो माह में की जाती है। माह अगस्त एवं सितम्बर 2022 के दौरान वीसीए के कारण डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को खरीदी गई बिजली पर विद्युत नियामक आयोग व्दारा अनुमोदित दर की तुलना में रूपये 549 करोड़ का ज्यादा भुगतान करना पड़ा है। इसमें प्रमुख हिस्सा एन.टी.पी.सी. का 459 करोड़ रूपये है जबकि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के बिल में नियामक आयोग व्दारा अनुमोदित दर की तुलना में लगभग 26.51 करोड़ रूपये की कमी आयी है।
उक्तावधि में विभिन्न स्त्रोतों से क्रय की गई बिजली की लागत नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में वृद्धि हुई है, जो इस प्रकार है। एनटीपीसी 459 करोड़ रुपए, एनटीपीसी-सेल पॉवर कार्पोरेशन 5.74 करोड़, सीएसपीजीएल (नवीकरणीय स्त्रोत) 18.79 करोड़ तथा अन्य संयंत्र (बायोमास सौर, लघु जल, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र आदि) से 92 करोड़ रुपए वीसीए राशि है। जबकि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी (तापीय स्त्रोत) के वीसीए में 26.51 करोड़ रुपए की कमी हुई है। इस तरह सकल वीसीए राशि में वृद्धि 549.01 करोड़ रुपए हो रही है।
उपरोक्तानुसार विद्युत कय दर में वृद्धि के कारण समस्त श्रेणी के उपभोक्ताओं से रूपये 1.10 प्रति यूनिट की दर से वीसीए प्रभार माह जनवरी एवं फरवरी- 2023 के विद्युत देयकों में अधिरोपित किया जाना है। विद्युत उत्पादन हेतु कोयला एवं तेल की आवश्यकता मुख्य रूप से ईंधन के रूप में विद्युत गृहों में होती है । इन दोनों प्रमुख घटकों की कीमत बाजार मूल्य के अनुरूप घटती-बढ़ती रहती है। राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत दरों के निर्धारण के उपरांत ईंधन कीमत में बढ़ी अथवा घटी हुई कीमत के समायोजन हेतु वीसीए की दर की गणना मई 2012 से लेकर सितम्बर 2015 तक त्रैमासिक आधार पर की जाती रही है। इसके बाद इस दर का निर्धारण द्वैमासिक आधार पर किया जा रहा है। वीसीए चार्ज में हाफ रेट बिजली योजना का लाभ भी मिलता है।
प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को ईंधन की कीमत में वृद्धि होने के कारण आगामी दो माह तक 1.10 रूपए प्रति यूनिट वेरियबल कास्ट एडजस्टमेंट (वीसीए) चार्ज देय होगा। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 62(4) के तहत् वीसीए चार्ज लेने का प्रावधान है। वितरण कंपनी के कुल खर्चे का लगभग 85 प्रतिशत खर्चा पॉवर परचेस में व्यय होता है, जो कि ईंधन के रूप में क्रय मूल्य में कमी अथवा बढ़ोत्तरी के कारण घटता-बढ़ता रहता है। वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व राज्य नियामक आयोग द्वारा विद्युत दर का निर्धारण कर दिया जाता है और ईंधन की दर में बढ़ोत्तरी होने की स्थिति में विद्युत वितरण कंपनी पर पड़ने वाली अतिरिक्त वित्तीय भार को एक निश्चित फ़ार्मूले के अनुरूप व्हीसीए चार्ज के रूप में समायोजित किया जाता है।