योग गुरू बाबा रामदेव के लिए बड़ी खुशखबरी है। रुचि सोया कंपनी अब बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की हो गई है। मालूम हो कि रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने बुधवार को 4,350 करोड़ रुपए में खरीद लिया है। पतंजलि आयुर्वेद का यह पहला बड़ा अधिग्रहण है। वही इस सप्ताह होने वाला दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण है। जानकारी दें कि इससे पहले सोमवार को दुनिया के बड़े स्टील मेकर आर्सेलर मित्तल ने जापान के निप्पन स्टील के साथ मिलकर एस्सार स्टील का 42,000 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया था।
पतंजलि आयुर्वेद को अधिग्रहण करने का अप्रूवल 2019 में हुआ हासिल
पतंजलि ने सोया फूड ब्रांड न्यूट्रीला मेकर रुचि सोया का अधिग्रहण इंसाल्वेंसी प्रक्रिया का तहत किया। पतंजलि के प्रवक्ता का कहना है कि रुचि सोया के अधिग्रहण से जुड़ी सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है और साथ में सभी राशि भी जमा कर दी है। रुचि सोया के अधिग्रहण के बाद रामदेव ने 125 करोड़ देशवासियों के सहयोग व समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। दिसंबर 2017 में नेशनल लॉ ट्रिब्यून (एनसीएलटी) ने इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया के तहत रुचि सोया नीलामी का आदेश दिया था। वहीं साल 2019 में पतंजलि आयुर्वेद ने रुचि सोया को अधिग्रहण करने का अप्रूवल हासिल किया था। हालांकि एनसीएलटी ने पतंजलि की ओर से जमा कराए गए 600 करोड़ रुपए के स्रोत के बारे में सही जानकारी न मिलने पर अधिग्रहण के फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
डील 4,350 करोड़ रुपए में हूई पूरी
मालूम हो कि पतंजलि के पास इस अधिग्रहण से इडिबल ऑयल प्लांट के साथ ही सोयाबीन ऑयल ब्रांड जैसे महाकोष और रुचि गोल्ड हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक पतंजलि ने रुचि सोया को 1000 करोड़ रुपए इक्विटी और 3250 करोड़ रुपए कर्ज के जरिए चुकाए गए। इस तरह पूरी डील 4,350 करोड़ रुपए में पूरी हूई और रुचि सोया आधिकारिक तौर पर पतंजलि समूह की फर्म बन गई है।
बैंकों का 9,345 करोड़ रुपए था बकाया
बैंकों पर खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया का 9,345 करोड़ रुपए का बकाया था। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह का कुल 9,345 करोड़ रुपए बकाया था। इसके साथ ही एसबीआई का 1800 करोड़ रुपए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 816 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक का 743 करोड़ और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का 608 करोड़ रुपए बकाया था। वहीं डीबीएस का 243 करोड़ रुपए का बकाया था।