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बागेश्वर धाम के पक्ष में उतरे मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी, कहा- हिंदू धर्म केंद्र ही हमेशा क्यों निशाने पर

बागेश्वर धाम की विवाद में अब मध्य प्रदेश से राजनेताओं की बैटरी शुरू हो गई है। पहले कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल खड़े किए और उनसे प्रमाण मांगा। वही अब भाजपा से विधायक नारायण त्रिपाठी बागेश्वर धाम सरकार के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा ही हिंदू धर्म व आस्था के केंद्रों को ही क्यों निशाने पर लिया जाता है। बता दे बागेश्वर धाम सरकार की नागपुर में कथा के बाद जिस तरह से नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने उनके दिव्य दरबार को चुनौती दी, उससे मध्य प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है।

बागेश्वर धाम के पक्ष में खुलकर बोलते नजर आए भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी

मैहर से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी बागेश्वर धाम के पक्ष में खुलकर बोलते नजर आए। उन्होंने शहर के वन विहार रोड स्थित एक होटल में नागपुर की समिति के खिलाफ एफ आई आर कराने तक की बात कर डाली। उन्होंने कहा कि इस समय लोग जल्द नाम कमाने के चक्कर में हिंदू वास्तव में भगवान राम कृष्ण और संत मुनियों के खिलाफ टिप्पणियां करने लगे हैं। कभी रामायण के नाम पर कभी धर्म गुरुओं के नाम पर लोग टिप्पणी कर रहे हैं। नागपुर की एक समिति ने भी बागेश्वर धाम सरकार के खिलाफ जादू टोना टोटका का हवाला देते हुए आरोप लगाया है। मामला दर्ज कराने का प्रयास किया गया। इस बात से दिल दुखता है कि कोई कैसे धर्म गुरु का अपमान कर सकता है। क्या किसी और धर्म में किसी और धर्म गुरुओं का अपमान करना संभव है।

22 जनवरी को भोपाल में महासभा का आयोजन

विधायक नारायण त्रिपाठी ने बताया कि 22 जनवरी को भोपाल के 10 नंबर पर बागेश्वर धाम सरकार के पक्ष में एक महा सभा बुलाई जाएगी। जिसमें धर्म आस्था और अपने गुरुओं के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी। त्रिपाठी ने कहा कि जिस दिन बागेश्वर धाम सरकार ने कुछ ईसाईयों की हिंदू धर्म वापसी कराई उस दिन से लगातार उन पर आरोपों की झड़ी लग गई। इन सब बातों का समाज को विरोध करना चाहिए।

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पाखंड और ढोंग में भरोसा नहीं : नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विवाद में अब मध्य प्रदेश के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भी बड़ा बयान दिया। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म और सनातन धर्म में विश्वास करते हैं, लेकिन पाखंड और ढोंग में उनका भरोसा नहीं है। देश में हिंदुओं की बड़ी तादाद है। वह भी पाखंड को ठीक नहीं मानते जब बाबा को नागपुर की याद विश्वास उन्मूलन समिति ने शक्तियां प्रमाणित करने की चुनौती दी तो वे वहां से क्यों भाग गए। अगर उनमें सच्चाई है तो जवाब दे। प्रमाणिकता के आधार पर जवाब दें।

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक ने की थी बाबा की शिकायत

बता दे बागेश्वर धाम सरकार के नाम से फेमस पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले दिनों नागपुर गए थे। जहां उन्होंने अपना दिव्य दरबार लगाया था, इसे लेकर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और नागपुर की जादू टोना विरोधी नियम जनजागृति प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने पुलिस को शिकायत की थी। इसके बाद उनकी शिकायत सोशल मीडिया पर बाबा के खिलाफ प्रचारित की जा रही थी। मीडिया से चर्चा के दौरान श्याम मानव ने बताया कि नागपुर में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा 5 से 13 जनवरी तक चलनी थी। आमंत्रण पत्र और पोस्टर में भी 13 जनवरी तक कथा का जिक्र था, लेकिन महाराज पूरी कथा करने के 2 दिन पहले ही नागपुर से चले गए। श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार को डर का दरबार बताया और कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने बताया कि दिव्य दरबार में धीरेंद्र शास्त्री भक्तों के नाम और नंबर से लेकर कई चीजे बताने का दावा करते हैं। हमने उनके एक ऐसे वीडियो को देखा, जिसमें ऐसे दावों को सिद्ध करने को कहा गया था। इसके बाद हमने उन्हें चुनौती दी, लेकिन वे नागपुर से चले गए।

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क्या चुनौती दी गई थी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और नागपुर की जादू टोना विरोधी नियम जनजागृति प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने अपने 10 लोगों को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामने लेकर जाने को कहा था। 27 साल के बाबा धीरेंद्र शास्त्री को समिति के इन 10 लोगों के बारे में अपने ज्ञान से उनका नाम, नंबर, उम्र और उनके पिता का नाम बताना था। अगर इसे दो बार रिपीट करते या फिर 90% रिजल्ट भी देते तो समिति उन्हें ₹30 लाख का नाम देती, हालांकि इसके लिए उन्हें ₹3 लाख डिपाजिट करना होता। समिति अध्यक्ष के मुताबिक उन्होंने चुनौती नहीं स्वीकार की और पहले ही नागपुर से रवाना हो गए।