अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

समाचार

बड़ी राहत! इस वजह से घटने लगे प्याज के दाम, एक दिन में हुई 20 रुपये/किलो तक सस्ता

प्याज (Onion Price Today) की कीमतों में जारी तेजी अब थम गई है. सरकार की ओर से उठाए कदमों के बाद एक ही दिन में प्याज 20 रुपये प्रति किलोग्राम तक सस्ती हो गई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओखला सब्जी मंडी (Okhla Sabzi Mandi Delhi) में बुधवार को प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो में बिक रहा था. वहीं, गुरुवार को कीमतें गिरकर 50 से 60 रुपये प्रति किलो पर आ गई है. सब्जी मंडी के बड़े थोक व्यापारियों का कहना है प्याज के दाम में गिरावट आई है और जब सस्ते दामों पर फुटकर विक्रेता यहां से खरीद कर ले जाएंगे तो जगह-जगह सस्ते दामों पर ही बेचेंगे, पिछले दिनों आवक घटने की वजह से प्याज के दाम में बढ़ोतरी हो गई थी लेकिन अब धीरे धीरे भाव मे कमी आ जाएगी.

कब तक सस्ती होगी प्याज- कमोडिटी एक्सपर्ट्स कहते हैं कि केंद्र सरकार ने प्याज की आवक बढ़ाने के लिए कई बड़े कदम उठाएं है. इनका पूरी तरह से असर अगले 10 दिन में देखने को मिलेगा. हांलाकि, कई बड़े शहरों में प्याज की उपलब्धा 2-3 दिन में बढ़ी है.

>> उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का कहना है कि प्याज की क़ीमत कम करने के लिए सरकार तेजी से प्रयास कर रही है.

>> प्याज की उपलब्धा बढ़ाने के लिए विदेशों से प्याज का आयात किया जाएगा. इसके अलावा कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है.

दिल्ली में सरकार घर-घर जाकर बेचेगा सस्ता प्याज- दिल्ली सरकार ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आयुक्त को पिछले महीने सितंबर-अक्टूबर की भांति इस बार भी घर घर जाकर प्याज की आपूर्ति फिर से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है.’ उन्होंने एजेंसियों को जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के निर्देश भी दिए हैं.

See also  महाराष्ट्र में सियासी खींचतान के बीच PM मोदी ने की NCP की

प्याज के दाम क्यों बढ़ रहे हैं- प्याज की कीमतें बढ़ने का मुख्य कारण भारी बारिश को बताया जा रहा है. दरअसल प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कनार्टक तथा राजस्थान में बेमौसम बारिश से प्याज की फसल को नुकसान हुआ है.

>> इसीलिए इन राज्यों से समय पर मंडियों में प्याज नहीं पहुंचना. जिसकी वजह से सब्जी मंडी में सप्लाई घट गई. व्यापारी बताते हैं कि दिल्ली सहित कई शहरों की मंडियों में प्याज की आवक चालीस-पचास फीसदी तक घट गई है.