दरअसल ये बात तो सभी जानते हैं कि मां बनने के दौरान बच्चा मां के गर्भ में ही 9 माह तक रहता है और फिर 9 माह बाद जब बच्चा जन्म लेता है तो हर मां अपने बच्चे के बारे में पूछती हैं कि क्या वो पूरी तरह से ठीक है? तो अगर सब सही रहता है तो उसके जान में जान आ जाती है लेकिन वहीं अगर किसी तरह की परेशानी होती है या फिर बच्चे में किसी तरह की समस्या पाई जाती है तो मां को बेहद ही ज्यादा तकलीफ होती है। आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं जो कि बेहद ही जरूरी है।
जी हां आपको बता दें कि जब कोई भी महिला गर्भवती होती है तो वो यही चाहती है कि उसका बच्चा सही सलामत इस दुनिया में आए लेकिन इस दौरान कुछ ऐसी गलतियां कर गुजरती हैं जिससे बच्चा विकलांग जन्म लेता है यानि की वो गर्भ में ही विकलांग हो जाता है।
दरअसल आज हम आपको कुछ ऐसे कामों को बताने जा रहे हें जिसे करने से बच्चा विकलांग हो जाता है इसलिए ध्यान रहे कि आज गर्भावस्था के दौरान ऐसे काम न करें। जी हां जैसा कि आप सभी जानते हें कि इन 9 माह के दौरान एक मां को काफी कुछ सहना पड़ता है क्योंकि इस दौरान मां के शरीर में कई सारे परिवर्तन होते हैं इतना ही नहीं कई तरह की नई नई समस्याएं भी उत्पन्न होती है।
- अक्सर गर्भवति महिलाओं के शरीर में दर्द बना रहता है जिसकी वजह से वो दवाईयों का सेवन करती हैं और कई बार देखा जाता है कि ये पेनकिलर टेबलेट्स उनको काफी नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए ध्यान रहे कि इस दौरान कभी भी बिना डॉक्टर्स के परामर्श के कोई दवा ना खाएं।
- इसके अलावा ये भी बता दें कि बच्चे के गर्भ में आने के करीब 3 माह बाद कभी भी गर्भवति महिला को भारीभरकम सामान उठाने से बचना चाहिए। इतना ही नहीं आपको बता दें कि ऐसा करने से बच्चे पर गलत प्रभाव पड़ता है और हो सकता है कि इस दौरान बच्चे का कोई अंग कमजोर भी हो जाए।
- वहीं ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी ट्रैवल करने से बचना चाहिए क्योंकि शोरशराबे से बच्चे के कान पर असर पड़ता है और इस दौरान बहरेपन या फिर गूंगेपन जैसी समस्या बच्चे में आ सकती है।
- गर्भवती महिला से लोगों को हमेशा ही सौम्य व्यवहार करना चाहिए क्योकि उसके सामने हिंसात्मक रूप लेने से बच्चे का विकास होने में समस्या आती है और ऐसे में बच्चे में विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है।