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प्राइवेट अस्पतालों में लूट जारी, इलाज के नाम पर चल रहा गोरखधंधा

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर । राजधानी में चल रहे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर लूट का गोरखधंधा चला रहे है। मरीज मरे या बचे उनकी बला से बस उन्हें तो पैसा चाहिए। रायपुर के प्राइवेट अस्पतालों में लगातार गलत इलाज औऱ मनमानी की शिकायत के बाद अब प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए भौतिक सत्यापन कर एक्शन लेते हुए 15 प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निलंबित किए है। प्राइवेट अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के नष्टीकऱण का कोई निर्दारित ठीकाना नहीं है। नगर निगम की कचरे की घूमने वाली गाड़ी में निगम के सफाई कर्मियों को लालच देकर मेडिकल वेस्ट को खुले गाड़ी में लेकर जाकर कहा नष्ट कर रहे है किसी को पता नहीं है। वहीं पर्य़ावरण विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से एनओसी लेकर सरकार और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे है।
अस्पताल प्रबंधन और पर्यावरण विभाग का याराना
अस्पतालों में पर्यावरण संबंधी एनओ्सी लेना अनिवार्य के चलते अस्पताल प्रबंधन अधिकारियों की पेट पूजा कर अस्पताल में व्याप्त अनियिमतताओ्ं का भौतिक सत्यापन करने के बजाय सीधे पर्यावरण सर्टिफिकेट को मनमाने दाम पर बेच रहे है। पर्यावरण विभाग केवल जांच के नाम पर जेब का वजन देखता है।इस तरह का प्राइवेट अस्पतालों और पर्यावरण अधिकारियों के बीच याराना चल रहा है। कोई देखने वाला ही नहीं है कि अस्पतालों में भर्राशाही होने के बाद भी पर्यावरण का सर्टिफिकेट मुंह मांगे दाम पर दिया जा रहा है।
नगर निगम के अधिकारियों के आंखों में पट्टी
मेडिकल वेस्ट को लेकर जो पर्यावरण भारत सरकार के प्राविधान है उसका रायपुर शहर में पूरी तरह उल्लंघन हो रहा है। नगर निगम के अधिकारी अस्पतालो कभी यह सवाल नहीं पूछते कि अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को कहां डंप किया जा रहा है। कचरे के साथ इंजेक्शन के साथ प्लास्टिक मेडिकल इक्यूपमेंट को कहां डंप किया जा रहा है । निगम के अधिकारियों के आंखों में अस्पताल प्रबंधन ने हरियाली की पट्टी बांध रखी है। जिसके कारण निगम के अधिकारी कभी अस्पतालों में जाकर मेडिकल वेस्ट के संबंध में भौतिक सत्यापन नहीं करते है। कार्यालय में ही बैठकर ओके लिखकर प्रमाण पत्र बेच रहे है
गांव-गांव से पकड़कर लाते हैं मरीज
प्राइवेट अस्पतालों का एक रैकेट है जो गिरोह की तरह काम कर रहा है। जो प्रदेश के विभिन्न जिलों फर्जा डिग्रीधारी को क्लिनिक खुलवा कर उसे एजेंट नियुक्त कर रखा है जो अपने जिले के मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में सबसे अच्छा और सबसे स्ता इलाज का प्रलोभन देकर रेफर करवाते है। राजधानी के प्राइवेट अस्पताल में पहुंचते ही इलाज के नाम पर लूट शुरू हो जाती है।

  
 
 

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