पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने चेन्नई (chennai) में बातचीत के बाद ताज फिशरमैन कोव होटल में कलाकृतियों और हैंडलूम की प्रदर्शनी देखी.
पीएम मोदी द्वारा भेंट की गई इस शाल की खास बात यह है कि चीनी राष्ट्रपति की तस्वीर शॉल पर हाथ से उकेरा गया है. कोयंबटूर जिले के सिरुमुगिपुदूर में श्री रामलिंगा सोदामबिगई हैंडलूम बुनकर सहकारी समिति के बुनकरों द्वारा यह चित्र शॉल पर उकेरा बनाया गया है.
रेशम की बुनाई की तमिलनाडु में सदियों पुरानी परंपरा रही है. तमिलनाडु में ऐसी कई सिल्क परंपराएं रहे हैं जहां सिल्स उत्पाद उन शहरों के नाम से जाने जाते हैं जहां वह विकसित हुए हैं. अब इस परंपरा को नई तकनीक का भी साथ मिल रहा है जिसके बाद बुनकर अंसभव समझे जाने वाले डिजाइन भी सिल्क पर उकेर रहे हैं.
यह चित्र शुद्ध शहतूत रेशम और सोने की जरी का उपयोग करके बनाया गया था। 240 हुक इलेक्ट्रॉनिक जैक्वार्ड ने चित्र पैटर्न को डिजाइन करने में मदद की है, जिसने मास्टर बुनकरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले थ्रेड पैटर्न बनाए हैं. इस बेहद शानदार शॉल को बुनने में पांच दिन लगे हैं.
नचियारकोइल दीप
पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को नचियारकोइल दीप भी भेंट किया है. इस दीप को नचियारकोइल ब्रांच का अन्नम दीप (लैंप) भी कहा जाता है। इस दीप को आठ मशहूर कलाकारों ने बनाया है। यह दीप छह फीट ऊंचा है और 108 किलोग्राम वजन का है. पीतल से बने इस दीप पर सोने की परत चढ़ी है। इसे बनाने में 12 दिन लगे हैं.
तंजावुर पेंटिंग-डांसिंग सरस्वती
पीएम मोदी ने तंजावुर पेंटिंग की डांसिग सरस्वती भी भेंट की है. तमिलनाडु के तंजावुर शहर में लकड़ी पर की जाने वाली पेंटिंग की यह कला काफी पुरानी है और इसे तंजावुर शहर के नाम से जाना जाता है. पीएम मोदी ने जो पेंटिंग गिफ्ट की है वह तीन फीट ऊंची, चार फीट चौड़ी और 40 किलोग्राम वजन की है। इस तैयार करने में 45 दिन का समय लगा है।
पीएम मोदी ने एक अन्य पेंटिंग भी शी जिनपिंग को तोहफे में दी है जिस पर शी की तस्वीर बनीहै.