नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक और हिंदुओं की आबादी को लेकर चिंता जताते हुए भारत आए 6 धर्मो के शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इस बिल को पेश करते वक्त इस बात का भी जिक्र किया था कि इन तीनों देशों में हिंदुओं पर काफी अत्याचार हुआ और उनकी आबादी तेजी से कम हो रही है। आंकड़ों को देखा जाए तो पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी बंटवारे के समय सर्वाधिक तेजी से गिरी थी, वहीं बांग्लादेश में गिरावट का यह सिलसिला लगातार जारी है।
भारत में अभी नागरिकता संशोधन कानून में शरणार्थी मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दिए जाने के प्रावधान को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस कानून को लेकर पूर्वोत्तर भारत समेत पश्चिम बंगाल और यूपी के कई इलाकों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक ऐसा सच सामने आया है जो चौंकाने वाला है। जी हां, बंटवारे के समय पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या अच्छी खासी थी लेकिन अब घटकर इतनी सी रह गई है कि कोई जानकर हैरान रह सकता है। इतना ही नहीं बल्कि बांग्लादेश में भी हिंदुओं के साथ ऐसा ही हुआ है।
पाकिस्तान में ऐसे घटी हिंदुओं की आबादी
बंटवारे के समय पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी पाकिस्तान में बहुत तेजी से गिरी। इसके बाद 1951 के बाद हिदूओं की आबादी में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। एक आंकड़े के अनुसार पाकिस्तान में 1988 में हिंदुओं की कुल जनसंख्या करीब 21 लाख थी। 2017 की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान की जनसंख्या बढ़कर 20.7 करोड़ हो गई है। जबकि इनमें से हिंदुओं की कुल आबादी 30 लाख है।
बांग्लादेश में ऐसे घटी हिंदुओं की संख्या
बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी भारत-पाकिस्तान बंटवारे से लेकर 1971 तक बड़ी तेजी से गिरी। हालांकि यह सिलसिला अभी नहीं थमा औश्र जारी है। इस देश में की कुल आबादी में हिंदुओं की संख्या 10 फीसदी से भी कम रह गई है। बांग्लादेश में 1951 में हिंदुओं की संख्या 22% थी जो 2011 में मात्र 9.5% रह गई।