जहां अश्विनी यादव नाम का एक व्यक्ति तबीयत खराब होने के कारण अपनी हालात से परेशान होकर 11 साल पहले घर छोड़कर चला गया था उसके बाद परिवार वालों ने उसे 5 से 6 साल तक खोजने की कोशिश की लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चला, उसके बाद परिवार वालों ने उसे मृत मान लिया उसके बाद पारिवारिक अनुष्ठान के अनुसार उस पुरुष की पत्नी नीता यादव के सिंदूर मिटा दिया गया और हाथ की चूड़ी तोड़ दी गई इस तरह नीता यादव पिछले 5 सालों से एक विधवा की तरह जीवन जी रही थी।
लेकिन कहा जाता है ना कि जिसकी किस्मत में जो लिखा होता है उसे एक ना एक दिन जरूर मिलता है। दोस्तों बात उस समय बदल गई जब 30 जुलाई की सुबह मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के लाल बाग थाने के पामगढ़ थानेदार से राजकुमार लेहरे के मोबाइल पर एक फोन कॉल आया था कि एक व्यक्ति यहां खानाबदोश की तरह जिंदगी जी रहा है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही है वह अपना नाम अश्विनी यादव, गांव मूलमुला बता रहा है। आप यहां आकर उसकी पहचान कर सकते हैं।
जब परिवार वालों को इस बारे में पता चला तो वे तुरंत ही लाल बाग पुलिस स्टेशन पहुंच गए। जब अश्विनी यादव की जिंदा होने की पुष्टि हो गई तब कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मोबाइल से बात करने पर दोनों परिवार के सदस्यों की आंखों से आंसू बहने लगे थे। वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिये उसके परिजनों से बात कराई गई। पुलिस की कार्रवाई पूरी होने पर अश्विनी यादव को उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया। जो महिला अपने पति से 11 साल तक दूर रही, अचानक उनके वापस लौट आने से वह खुशी के मारे बोल तक नहीं पा रही थी।