अगर आपको भी नींद नहीं आने की बीमारी है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि आपको हृदयाघात व स्ट्रोक (मस्तिष्काघात) का ज्यादा खतरा होने कि सम्भावना है. एक हालिया शोध में यह खुलासा किया गया है. वैज्ञानिकों ने पांच लाख लोगों पर अध्ययन किया. इसमें पाया कि नींद नहीं आने की बीमारी से पीड़ित लोगों में हृदयाघात व स्ट्रोक का खतरा अन्य लोगों की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा था.
शारीरिक प्रणालियों में हो जाता है बदलाव: चाइना में किए शोध से पूर्व के उन शोधों को बल मिलता है, जिनमें नींद की कमी व बेकार स्वास्थ्य के बीच संबंधों को स्थापित किया गया है. शोधकर्ताओं के अनुसार, हर तीन में से एक आदमी नींद न आने की बीमारी से पीड़ित है व उसकी शारीरिक कार्यप्रणालियों में परिवर्तन हो जाता है.
बिहेवेरियल थेरेपी से होने कि सम्भावना है इलाज-
बीजिंग यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता ली ने कहा, इस शोध से सुझाव मिलता है कि अगर हम नींद न आने की बीमारी से पीड़ित लोगों का उपचार बिहेवेरियल थेरेपी से करें तो हृदयाघात व अन्य बीमारियों की संख्या में कमी ला सकते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ कोलेराडो के एक शोध के अनुसार जो लोग दिन में सिर्फ पांच घंटे सोते हैं उनमें हृदयाघात का खतरा 52 प्रतिशत तक ज्यादा होता है.
ऐसे किया गया शोध-
विशेषज्ञों का मानना है कि नींद की कमी से रक्तचाप में बढ़ोतरी होती है व यह चयापचय को भी बाधित करता है. इन दोनों ही कारणों से दिल संबंधी बीमारयां होती हैं. चीनी शोधकर्ताओं ने पांच लाख लोगों की दस वर्षों तक निगरानी की. इन सभी प्रतिभागियों की औसत आयु 51 वर्ष थी व इनमें दिल की बीमारियों का कोई इतिहास नहीं था.