निर्जला एकादशी का रख रहे हैं व्रत ? शुभ फल पाने के लिए जानिए क्या करें और क्या न करें
संदीप गौतम, अनादि न्यूज़ डॉट कॉम रायपुर। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस व्रत में व्रती पानी तक का सेवन नहीं करता है। इस बार यह व्रत 10 जून 2022, शुक्रवार को रखा जाएगा। यह व्रत रखना बहुत फलदायी या पुण्यदायी माना जाता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से जातक को साल की सभी 24 एकादशी व्रत करने जितना फल मिलता है। यह व्रत बहुत कठिन होता है। इसमें भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
निर्जला एकादशी पर रखें इन बातों का ध्यान :- निर्जला एकादशी व्रत को बहुत कठिन व्रत माना जाता है क्योंकि इस समय तेज गर्मी होती है और पानी पीना भी वर्जित होता है। ऐसे में यह व्रत रखने से पहले अपनी सेहत का आंकलन कर लें. यदि बीमार हों या कोई समस्या हो तो पानी में नींबू मिलाकर सेवन कर लें। – निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो व्रत से एक दिन पहले दशमी के दिन से ही अपने भोजन पर ध्यान न दें. ना तो तामसिक, मांसाहारी भोजन का सेवन करें. साथ ही मदिरा, समेत अन्य नशे से भी दूर रहें।
ध्यान रखने योग्य बातें
व्रत में व्रती को खुद पानी नहीं पीना होता है, लेकिन राहगीरों, पशु-पक्षियों को पानी पिलाने के लिए कहा गया है। लिहाजा इसकी व्यवस्था करें।
कम से कम छत-बालकनी में पक्षियों के लिए पानी रखें।
निर्जला एकादशी का व्रत शारीरिक और मानसिक संयम का पालन करने का है।
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
साथ ही अपने मन में किसी के लिए बुरे विचार न लाएं।
यदि एकादशी का व्रत न करें तो भी इस दिन चावल न खाएं।
इसके अलावा इस दिन बैंगन, शलजम आदि भी नहीं खानी चाहिए।
यह व्रत तभी पूरा होता है जब दान-पुण्य भी किया जाए।
लिहाजा व्रत के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर करें।
निर्जला एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह व्रत करने से साल की सभी एकादशी करने जितना पुण्य मिलता है