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धान की सरकारी खरीद ने बढ़ाई किसानों की उम्मीद, सिर्फ 9 दिनों में पिछले साल का रिकॉर्ड टूटा

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम। धान की पैदावार घटने को लेकर इस बार अबतक काफी आशंकाएं जताई जा रही थीं। खासकर धान उत्पादक राज्यों जैसे कि यूपी, बिहार और झारखंड में मानसून में कम बारिश की वजह से इसकी फसल काफी प्रभावित हुई है, जिसके चलते उत्पादन घटने का डर सता रहा है। यही वजह कि केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात के खिलाफ भी कुछ सख्त कदम उठाए हैं। लेकिन, हरियाणा में पिछले रविवार तक धान की जो खरीद हुई है, वह तमाम आशंका के बिल्कुल विपरीत है और किसानों के लिए बहुत बड़ा शुभ संकेत माना जा रहा है।

धान की खरीद हरियाणा में अबतक करीब तीन गुना ज्यादा

धान की खरीदगी हरियाणा के मंडियों में पिछले रविवार तक पिछले साल की तुलना में करीब तीन गुना ज्यादा हो चुकी है। हरियाणा के किसानों ने बारिश के डर से अपनी पैदावार को तत्काल मंडियों में पहुंचा देने में भलाई समझी है। इसके ठीक उलट उत्तर प्रदेश के किसानों को इस मौसम में हुई असामान्य बारिश के कारण भारी नुकसान का डर सता रहा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के मौजूदा खरीफ सीजन की खरीदगी आंकड़ों से पता चलता है कि सरकारी एजेंसियों ने बीते रविवार तक करीब 25 लाख टन धान की कुल खरीदगी की है, जो पिछले साल के इसी अवधि में हुई 11 लाख टन से दोगुनी से भी ज्यादा है।

पंजाब और तमिलनाडु भी दे रहे हैं शुभ संकेत

धान की खरीदगी में इस साल हरियाणा ने तो अभी तक कमाल कर दिखाया है। यहां करीब 15 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। जबकि, साल 2021-2022 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में इस अवधि तक वहां सिर्फ 5.8 लाख टन धान की खरीद सरकारी मंडियों में हो पायी थी। पंजाब में सरकारी एजेंसियां भी इस साल पिछले वर्ष के अभी तक की अवधि में थोड़ा ज्यादा धान खरीद चुकी हैं। मसलन, पंजाब में पिछले साल अबतक 5.2 लाख टन धान की खरीद हो पाई थी, लेकिन इस साल यह 5.8 लाख टन हो चुकी है। वहीं, तमिलनाडु में पिछले इस अवधि में यह शुरू भी नहीं हुई थी, लेकिन इस साल अबतक 4.1 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है।

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उत्तर प्रदेश में बारिश ने बढ़ा दी है चिंता

सेंट्रल पूल में धान या चावल का जितना भी स्टॉक रखा जाता है, उसमें पंजाब और हरियाणा का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि अगले दो हफ्तों में धान खरीद की रफ्तार और बढ़ेगी। वैसे धान की खरीद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी शुरू हो चुकी है। बाकी राज्यों में भी यह प्रक्रिया अगले दो महीनों में शुरू होने वाली है। लेकिन, उत्तर प्रदेश में बेमौसम हुई भारी बरसात ने धान की पैदावार को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

फसल पकने के दौरान बारिश से नुकसान की आशंका

उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पिछले 1 अक्टूबर से लेकर 10 अक्टूबर के बीच में 130 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि, इस अवधि में सामान्य तौर पर 16.6 मिमी बारिश का ट्रेंड रहता है। यूपी के 75 जिलों में से 67 जिलों में सामान्य से ज्यादा बरसात हुई है और यह ऐसे समय में हुई है, जब फसल पकने के लिए तैयार है। यह समस्या बिहार और झारखंड जैसे धान उत्पाद राज्यों में भी देखी जा रही है।

धान की सरकारी खरीद ने बढ़ाई किसानों की उम्मीद

असल में इस साल धान उत्पादक कई राज्यों में पहले से मानसून के दौरान हुई कम बारिश से पैदावार घटने की आशंका जताई जा रही थी। इसके चलते इसकी खरीद का अनुमान भी घट गया था; और यही वजह है कि सरकार की ओर से अभी से धान की खरीद पर काफी जोर दिया जा रहा है और फिर से अनुमानों में सुधार किया जा रहा है।

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सुधार किया जा रहा है।

धान की खरीद शुरू (9 अक्टूबर तक के आंकड़े)

हरियाणा

2021: 5.8 लाख टन

2022:14.9 लाख टन

पंजाब

2021:5.2 लाख टन

2022: 5.8 लाख टन

तमिलनाडु

2021: 0

2022: 4.1 लाख टन

धान की कुल खरीद

2021: 11.5 लाख टन

2022: 24.9 लाख टन

साल 2021-22 में खरीफ मार्केटिंग सीजन में धान की कुल खरीद- 759.3 लाख टन

साल 2022-23 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में धान की कुल अनुमानित खरीद- 771.2 लाख टन