स्वच्छ हिंदुस्तान अभियान के तहत कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए देश के 93 फीसद नगरपालिका क्षेत्रों में घर-घर जाकर कचरा एकत्र कराने में सफलता मिल गई है. लेकिन सारे देश में अभी भी 57 फीसद कचरे का ही निस्तारण हो पा रहा है. आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
मंत्रालय द्वारा कचरा प्रबंधन को लेकर पिछले हफ्ते संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार, कचरा प्रबंधन में छत्तीसगढ़ सभी राज्यों में आगे है जबकि यूपी व महाराष्ट्र पीछे हैं. मंत्रालय द्वारा पेश आंकड़े के अनुसार, 84000 नगरपालिकाओं में घर-घर से कचरा जमा करने का 93 फीसद कार्य हो रहा है. रिपोर्ट में बोला गया है कि देश में रोजाना 1.48 लाख टन कचरा निकलता है. इसमें से 57 फीसद कचरे को ही प्रसंस्कृत किया जा रहा है. शेष कचरा संबंधित राज्यों में डंपिंग ग्रांउड में भेजा जाता है.
मंत्रालय के राज्यवार ब्योरे के मुताबिक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात व कर्नाटक सहित 14 राज्यों में सभी नगरपालिका क्षेत्रों में घर घर जाकर कचरा एकत्र करने का लक्ष्य पास है. छत्तीसगढ़ के सभी 3,217 नगरपालिका क्षेत्रों में घर-घर जाकर कचरा एकत्र किया जा रहा है व रोजाना कुल एकत्रित कचरे 1650 मीट्रिक टन के 90 फीसद हिस्से का प्रसंस्करण किया जाता है. मध्य प्रदेश में कुल 6,999 नगरपालिका क्षेत्रों में हर-घर से जुटाए गए 6,424 मीट्रिक टन कचरे में 84 फीसद व गुजरात में 82 फीसद कचरे का प्रसंस्करण किया जाता है.
रिपेार्ट के मुताबिक, जिन राज्यों से सर्वाधिक कचरा रोजाना एकत्र होता है वहां कचरा प्रबंधन बुनियादी ढांचा निर्बल है. उदाहरण के लिए महाराष्ट्र में सर्वाधिक 23,450 मीट्रिक टन कचरा रोजाना एकत्र होता है व इसके 57 फीसद हिस्से का ही प्रसंस्करण हो पाता है. यूपी व तमिलनाडु में रोजाना 15,500 मीट्रिक टन कचरा एकत्र होता है. इसमें यूपी में 58 व तमिलनाडु में 62 फीसद कचरे का प्रबंधन हो पा रहा है.