दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से इजराइल एक है। यह देश यहूदी धर्म को मानने वाला एक मात्र देश है। इजराइल का इतिहास भारत से काफी मिलता-जुलता माना जाता है। आज हम आपको बताएंगे की दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में एक इजराइल की सेना में महिलाएं क्यों होती है। तो आइये जानते है दुनिया के एक मात्र यहूदी देश इजराइल की सेना में क्यों होती है महिलाएं? जानिए।
दोस्तों यह तो आप जानते ही होंगे की भारत की आजादी के बाद इजराइल भी तीन भागों में विभाजित हो गया था। जिसमें एक हिस्सा यहूदियों को इजराइल के रूप में मिला और बाकि दो हिस्से अरबों को मिला था। इजराइल फिलिस्तीन से अलग होकर बना है।
दोस्तों इजराइल देश की महिलाओं के लिए पुरुषों की तरह नियम और कानून बनाए गए हैं। यहां की महिलाएं सेना में पुरुषों के मुकाबले का काम करती है। इजराइल की खुफिया एजेंसी में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
दोस्तों इजराइल की खूबसूरत महिलाएं मॉडलिंग और एक्टिंग छोड़ सेना में काम करने की सोच रखती है। इजराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) में महिलाओं का प्रतिनिधित्व जरूरी होता है। देश के नियमों के मुताबिक 18 साल की उम्र तक सभी यहूदी नागरिकों को राष्ट्रीय सेवा करना जरूरी है। यहां कि महिलाएं पुरुषों के साथ में बराबर भूमिका निभाती है।
नाजियों के खिलाफ 1948 में हुई स्वतंत्रता की लड़ाई में महिलाओं ने युद्ध के मैदान में पुरुषों के साथ अहम भूमिका निभाई थी। इजराइल में महिलाओं के उचित प्रतिनिधित्व के अलावा शीर्ष पदों पर भी महिलाओं की नियुक्ति आम बात है।
इजरायली सेना में नौकरियों में 90% से ज्यादा नौकरियां महिलाओं के लिए होती है। इसमें फाइटर पायलट, नौसेना के कप्तान सहित सेना के मुख्य पदों के लिए नियुक्ति की जाती है। सेना में महिलाओं को बहुत सम्मान मिलता है। यही कारण है की इजराइल की सेना में महिलाओं की नियुक्ति जरूरी होती है।