क्रुबेरा केव धरती कि अभी तक ज्ञात सबसे गहरी गुफा है। इसकी गहराई 2197 मीटर (7208 फीट) है। क्रुबेरा केव ब्लैक सागर के तट पर क्रुबेरा केव में स्थित है। यह एक बहुत ही दुर्गम इलाका है, यहां पर साल में केवल 4 महीनें ही जाने लायक मौसम रहता है। क्रुबेरा केव कि खोज 1960 में हुई थी। इस गुफा का एक अन्य नाम वोरोनया केव भी है।
इसका मतलब होता है कौओं कि गुफा, इसको यह नाम इसलिए मिला क्योकि जब 1980 में जब प्रथम बार इस गुफा में प्रवेश किया गया तो वहां पर कौओं के बहुत सारे घोसलें बने हुए थे। इसे सबसे गहरी गुफा का दर्जा 2001 में मिला जब यूक्रेनी स्पेलिओलॉजिस्ट का एक दल इसमें 1710 मीटर (5610 फीट) कि गहराई तक गया। यह उस वक़्त तक ज्ञात सबसे गहरी गुफा से 80 मीटर ज्यादा था।
सन 2004 में दुबारा यूक्रेनी स्पेलिओलॉजिस्ट का एक दल इसमें उतरा। अबकी बार वो 2080 मीटर (6820 फीट) कि गहराई तक गए और एक नया रिकॉर्ड बनाया। सन 2012 में विभिन्न देशों के 59 स्पेलिओलॉजिस्ट का एक दल इसमें उतरा और गहराई 2197 मीटर (7208 फीट) नापी। इस दल ने क्रुबेरा केव में 27 दिन बिताए।
क्रुबेरा केव का अन्वेषण बहुत ही मुश्किल है क्योकि एक तो यहां पर साल के केवल 4 महीने ही जाया जा सकता है और दूसरा अबखाजिया में राजनितिक हालात खराब रहते है इसलिए परमिशन आसानी से नहीं मिलती है। अबखाजिया ने 1999 में अपने आप को जॉर्जिया से अलग स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया जबकि जॉर्जिया अभी भी इसे अपना हिस्सा मानता है।