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दिवंगत अभिनेता विनोद खन्ना खलनायक से नायक बने…

बॉलीवुड की दुनिया में बतौर खलनायक अपने अभिनय करियर की शुरूआत करने वाले नायक के रूप में बुलंदियों के शिखर पर पहुंचने वाले सदाबहार अभिनेता विनोद खन्ना का आज जन्मदिन है। विनोद खन्ना ने अपनी मेहनत के बल पर बॉलीवुड में अमिट पहचान बनाई है। विनोद खन्ना का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। उन्होंने अपने स्नातक की पढ़ाई मुंबई से की है। एक पार्टी के दौरान विनोद खन्ना की मुलाकात दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त से हुई। जो अपनी नई फिल्म मन का मीत के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहे थे।

उन्होंने इसी दौरान विनोद खन्ना को अपनी फिल्म में बतौर सहनायक के किरदार के लिए आॅफर दिया, विनोद खन्ना ने उनके इस आफर को स्वीकार किया। हालांकि घर पर विनोद खन्ना को इसके लिए अपने पिता से काफी डांट सुननी पड़ी थी। उन्होंने जब अपने पिता से फिल्म में काम करने को लेकर बात की तो वो काफी गुस्सा हुए। उन्होंने बंदूक तान दी और कहा कि, यदि तुम फिल्मों में गए तो तुम्हें गोली मार दूंगा। हालांकि बाद में उनकी मां के समझाने पर उनके पिता ने इजाजत दे दी। लेकिन उन्होंने कहा कि, अगर तुम इस काम में सफल नहीं होते तो तुम्हे घर के व्यवसाय में ही हाथ बंटाना होगा।

साल 1968 में विनोद खन्ना की पहली फिल्म मन का मीत रिलीज हुई है। ये फिल्म टिकट खिड़की पर हिट साबित हुई। इसके बाद उन्हें आन मिलो सजना, मेरा गांव मेरा देश, सच्चा झूठा जैसी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने का मौका मिला। ये फिल्में काफी सफल हुई लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिला।

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इसके बाद उनको सफलता गुलजार की फिल्म मेरे अपने से मिली। छात्र राजनीति पर आधारित इस फिल्म में मीना कुमारी ने भी अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। जिसमें अचानक, इम्तिहान, अमर अकबर ऐंथोनी जैसी कई फिल्मों में काम किया और उन्होंने खुइ को बॉलीवुड में बेहतरीन अभिनेता के रूप में स्थापित किया। आपको बता दें कि अपनी जवानी के दिनों में विनोद खन्ना सबसे हैंडसम अभिनेता थे।