अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार लगातार भ्रष्टाचार के मामलों में घिरती नजर आ रही है। जिसके बाद केजरीवाल सरकार को एक बार फिर सीबीआई जांच का सामना करना पड़ सकता है। आबकारी नीति को लेकर मचे घमासान के बाद अब लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित गड़बड़ी की आहट सुनाई दे रही है, जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीबीआई को शिकायत भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले में एलजी सचिवालय को मिली शिकायत पर सीबीआई को जांच सौंपने के मुख्य सचिव के प्रस्ताव को दिल्ली के उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। शिकायत दिल्ली परिवहन निगम के मुख्य सचिव ने दर्ज कराई थी।
शिकायत 9 जून को दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया था कि परिवहन मंत्री की नियुक्ति डीटीसी द्वारा बसों की निविदा और खरीद के लिए समिति के अध्यक्ष के रूप में “पूर्व मध्यस्थ तरीके से” की गई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत में कहा गया कि 1000 लो फ्लोर बीएस-4 और बीएस-6 बसों की खरीद के लिए जुलाई 2019 की बोली और मार्च 2020 में लो फ्लोर बीएस-6 बसों की खरीद व वार्षिक रखरखाव के अनुबंध के लिए लगाई गई दूसरी बोली में अनियमितताएं हुईं।
इधर, सीबीआई जांच के जवाब में आम आदमी पार्टी ने कहा, “एलजी भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। ध्यान भटकाने के लिए वह इस तरह की पूछताछ कर रहे हैं। अब तक की सभी जांचों का कोई परिणाम नहीं निकला है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री और अब चौथे मंत्री के खिलाफ शिकायत की है। उन्हें पहले अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देना चाहिए।”
आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “ये बसें कभी नहीं खरीदी गईं और निविदाएं रद्द कर दी गईं। दिल्ली को अधिक शिक्षित एलजी की जरूरत है। इस आदमी को पता नहीं है कि वह किस पर हस्ताक्षर कर रहा है।”