फर्क इस बात से नहीं पड़ता की हमें जो ताश के पत्ते मिले है उसे बदला नहीं जा सकता, फर्क तो इस बात से पड़ता है कि आप उन पत्तों से कैसे खेलते है।
हम में से बहुत से लोग अपने सपने नहीं जी रहे हैं क्योंकि हम अपने डर को जी रहे हैं।
केवल मैं खुद अपना जीवन बदल सकता हूं। कोई ओर इंसान मेरे लिए यह नहीं कर सकता।
जिंदगी कठिन है; और यदि आपके पास जिंदगी पर हँसने की क्षमता है, तो आपके पास इसका आनंद लेने की भी क्षमता है।