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जब खाने तक के नहीं बचे थे परिणीति के पास पैसे, जानिए अनछुए पहलू

बॉलीवुड की बबली गर्ल से फेमस परिणीति चोपड़ा आज अपना 31वां जन्मदिन मना रही हैं. साल 2011 में परिणीति चोपड़ा ने साल लेडीज वर्सेज रिकी बहल से अपनी फिल्म करियर की शुरुआत की थी. फिल्म इशकजादे में वो पहली बार लीड रोल में नजर आई थीं. परिणीति का जन्म 22 अक्टूबर 1988 को हुआ था. आज उनके जन्मदिन के मौके पर चलिए हम आपको बताते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अनछुए पहलु.

बहुत कम लोग जानते होंगे कि परिणीति चोपड़ा कभी हिरोइन नहीं बनना चाहती थी बल्कि साल 2009 में आई आर्थिक मंदी के कारण उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में आने का फैसला लिया. परिणीति पढ़ाई में हमेशा से ही होशियार थी. उन्हें 12वीं में उन्होंने पूरे देश में टॉप किया था. इसके चलते परिणीति को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था. इसके बाद परिणीति ने बिजनेस, फाइनेंस और अर्थशास्त्र में ट्रिपल हॉनर्स करने के बाद 2009 में इंडिया लौटी. परिणीति चोपड़ा ने इन्वेस्टमेंट मैनेजर विदेश में काम किया. इसके बाद आर्थिक मंदी के चलते उन्हें भारत लौटना पड़ा. भारत वापस आकर उन्होंने यश राज फिल्म्स में काम किया.

एक टॉक शो में परिणीति चोपड़ा ने बताया था कि साल 2014 से लेकर 2015 का दौर मेरी जिंदगी का सबसे बुरा वक्त था. उन्होंने बताया कि तकरीबन डेढ़ साल तक मेरे साथ ये वक्त चला. मेरी दो फिल्में दावत-ए-इश्क और किल दिल अच्छा काम नहीं कर सकीं. उन्होंने कहा कि एक दम से मेरे पास रुपए भी नहीं बचे थे. किस्सा शेयर करते हुए परिणीति ने कहा कि मैंने एक घर खरीदा था इसके बाद मैं और बुरे हालात से गुजरने लगी थी. उन्होंने कहा कि ऐसा लगने लगा था कि मेरी जिंदगी के सभी रास्ते बंद हो गए हैं. परिणीति कहती हैं कि इसका नतीजा ये हुआ कि मैंने खाना खाना और सोना बंद कर दिया. मैंने अपने परिवार से संपर्क खत्म कर दिया. मैं बस टीवी देखती और सो जाती. उन्होंने कहा कि मैं बिलकुल जोंबी बन गई थी.

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परिणीति डिप्रेशन में जाने लगी थी. उन्होंने कहा कि वो बीमार रहने लगी थी. उन्होंने बताया कि उनके इस बुरे वक्त में परिणीति का साथ उनके भाई सहज चोपड़ा और दोस्त संजना ने काफी साथ दिया था.