छत्तीसगढ़ में देश का सबसे बड़ा बैटरी सोलर सिस्टम लगाने के लिए बिजली कंपनी ने सेकी के साथ मिलकर प्लान तैयार किया है। शासन इसे जल्द ही मूर्तरूप दे सकता है। योजना के पूरा होते ही सोलर एनर्जी से उत्पन्न् बिजली का उपयोग शाम और रात के समय पीक ऑवर में भी किया जा सकेगा। गौरतलब है कि राज्य को सोलर पावर का एक बड़ा हब बनाने की मंशा लेकर सरकार काम कर रही है। इसके तहत शासन और बिजली कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ 150 मेगावॉट बैटरी सोलर सिस्टम लगाने के लिए समझौता किया है, लेकिन इस प्लांट को लगाने के लिए लगभग 950 एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी, जिसे लेकर पेच फंस गई थी।
राजनांदगांव के डोंगरगढ़ क्षेत्र में लगभग 377 हेक्टेयर जमीन को चिन्हांकित किया गया जा चुका है। कंपनी और सेकी ने राज्य शासन को सर्वे रिपोर्ट भी भेज दिया है। जल्द ही शासन द्वारा जमीन के लिए एप्रुवल भी दे देगी।
क्या है बैटरी सोलर सिस्टम प्लांट
समझौते के अनुसार 100 मेगावॉट सोलर प्लांट लगाया जाएगा, लेकिन इसमें 150 मेगावॉट आवर की बैटरी बिजली को स्टोर करने के लिए लगाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार संभवत: ये देश का सबसे बड़ा बैटरी सिस्टम होगा। इससे दिन में सूर्य की रोशनी से स्टोर की गई बिजली को रात में या पीक आवर्स में उपयोग किया जा सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि समझौते के अनुसार जो बिजली का उत्पादन होगा उसे कंपनी खरीदेगी।
ऐसे होगी बिजली उपलब्ध
अधिकारियों ने बताया कि सोलर प्लांट में बैटरी के माध्यम से बिजली को स्टोर कर रखा जाएगा। इसे जरूरत के हिसाब से बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराएगी। इसमें 50-50 मेगावॉट, 100 या फिर 150 मेगावॉट बिजली एक साथ उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा सकेगा।
25 साल का करार
अधिकारियों ने बताया कि प्लान तैयार है। इसे मूर्तरूप दिए जाने के बाद बिजली कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ 25 साल का एग्रीमेंट करेगी। वह उत्पादन होने वाली बिजली को खरीदेगी। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले समय में सोलर सिस्टम की मांग को देखते हुए यह प्लानिंग की गई है।
– बैटरी सोलर सिस्टम के लिए समझौता हो गया था। प्लान तैयार है। जमीन व अन्य मुद्दों पर प्रक्रिया अटकी हुई थी। जल्द ही शासन से सहमति मिल जाएगी। हो सकता है। इस महीने भी पूरी हो जाए।