लखनपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम गोरता के एक 6 वर्षीय बच्चे की खून की कमी से मौत का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम गोरता झारपारा निवासी कलिंदर राम के 6 वर्षीय बच्चे रविन्द्र को बीमार अवस्था मे लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया गया था,जहां शरीर मे खून की कमी हो जाने के कारण बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 15 दिनों से रविन्द्र की हालत खराब थी,जिसके बाद पूर्व में ही बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। इसके बाद चिकित्सको ने बच्चे को जिला अस्पताल रेफर किया था, जहां नौ दिनों तक चले इलाज के बाद बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर लाया गया था,जिसके बाद लगतार अलग अलग जगहों पर परिजन झाड़फूंक कराते रहे ऐसे में बच्चे की हालत और भी खराब होती चली गई। इसके बाद पुनः बच्चे को लखनपुर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया,जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। सूचना तंत्र से परिपूर्ण इस दौर में भी झाड़फूंक की बातें बेमानी सी प्रतीत होती हैं। बच्चे को अगर उचित चिकित्सीय सलाह तथा देखरेख में उचित चिकित्सा दिलाई जाती तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी। शासन प्रशासन के द्वारा इन सभी बातों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने की बात महज कागजों में ही सिमट कर रह जाता है। इस घटना के बाद साफ साफ दिखाई देता है बावजूद इसके अब तक शासन प्रशासन बीमारियों के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं ला पाया है, जिससे लोग आज भी कई बीमारियों में झाड़फूंक के शरण में नजर आते हैं। इस संबंध में जब खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.पीएस केरकेट्टा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बच्चे की सिकलीन की बीमारी थी। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर मे खून की मात्रा एकदम कम हो जाती है। इस बच्चे के शरीर मे खून की मात्रा काफी कम थी, जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई।