राज्यपाल अनुसुईया उइके 22 अक्टूबर को गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा जाएंगी। यहां किडनी की बीमारी अब तक 71 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछली सरकार के समय पहेली बनी सुपेबेड़ा अब तक अबूझ है। राज्यपाल के दौरे की सबसे खास बात यह है कि वो राज्य के स्वास्थ्य अमले के साथ नहीं बल्कि एम्स की टीम लेकर जाएंगी। तत्कालीन भाजपा सरकार के समय गरियाबंद के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से होने वाली मौत का खुलासा हुआ था। लगातार हो रही मौतों के बाद भाजपा सरकार के मंत्री भी वहां का दौरा कर इलाज की व्यवस्था करने की बात कही थी।
दिल्ली से भी चिकित्सकों की टीम आई थी। छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर लोगों का इलाज भी करवाया गया। सरकार बदली। वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी लगातार तीन बार सुपेबेड़ा का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लेकर चिकित्सकों को उचित इलाज के निर्देश दिए हैं। लेकिन समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है। एक-एक कर लोगों की मौतें हो रही हैं। लगातार मौतों के बाद भाजपा सांसद चुन्नीलाल साहू ने एक दिन पहले ही राज्यपाल स मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी थी।
सांसद द्वारा दी गई जानकारी के बाद राज्यपाल ने खुद वहां जाकर लोगों से मुलाकात करने आैर हालात की जानकारी लेने की इच्छा जताई है। बताया गया है कि राज्यपाल वहां एम्स की टीम लेकर जाने की तैयारी में हैं। इस खबर के बाद राज्य के स्वास्थ्य अमले की नींद उड़ी हुई है। वर्तमान में गांव में 200 से ज्यादा लोग किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं।
आज मेडिकल कॉलेज और एम्स द्वारा विशेष जांच शिविर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सुपेबेड़ा के निर्देश पर आज रायपुर मेडिकल कॉलेज आैर एम्स के विशेषज्ञों द्वारा विशेष जांच शिविर लगाई जा रही है। शिविर में दोनों अस्पतालों के विशेषज्ञ वहां क्रॉनिकल किडनी डिसीज की विशेष जांच करेंगे। एम्स के निदेशक, किडनी विशेषज्ञ, एमडी मेडीसिन और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा शिविर में मौजूद रहकर प्रभावितों की जांच की जाएगी।वहीं स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के निर्देश पर देवभोग में एमडी मेडीसिन की पदस्थापना कर दी गई है। साथ ही रायपुर के डीकेएस अस्पताल और एम्स में भी सुपेबेड़ा के लोगों के उपचार की व्यवस्था की गई है।