आने वाले दिनों में आपको अपने दुर्घटनाग्रस्त वाहन के क्लेम के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं होगी। बताया जा रहा है कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण इसके लिए सेल्फ असेसमेंट की सीमा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। बीमा कंपनियों का कहना है कि इससे क्लेम लेना और आसान हो जाएगा। साथ ही क्लेम के लिए लगने वाला समय भी घट जाएगा। बताया जा रहा है कि डीलर के माध्यम से भी इंश्योरेंस क्लेम पाया जा सकता है। बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञ राजेश कुमार ने बताया कि असेसमेंट की सीमा बढ़ने पर मोटर इंश्योरेंस के 75 हजार के क्लेम पर सर्वेयर की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही नॉन मोटर इंश्योरेंस क्लेम के लिए यह सीमा डेढ़ लाख हो जाएगी।
अभी यह करना होता है
वर्तमान स्थिति में ग्राहक को मोटर इंश्योरेंस के क्लेम के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। अभी सर्वेयर और लॉस एसेसर्स की आवश्यकता पचास हजार से ज्यादा के मोटर इंश्योरेंस और एक लाख रुपये से अधिक के दूसरे दावों के लिए पड़ती है। सर्वेयर को दावे की रिपोर्ट बनाने के लिए एक महीना मिलता है और उसके बाद रिपोर्ट तैयार होकर बीमा कंपनी को मिलती है।
बीमा कंपनी को इस तरह पूरे 30 दिन रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ता है और रिपोर्ट के बाद ही समीक्षा हो पाती है। इस लंबी अवधि के कारण क्लेम में काफी समय लग जाता है। बताया जा रहा है कि इरडा द्वारा लाए जा रहे नए नियमों के बाद ग्राहक मोटर इंश्योरेंस में 75 हजार रुपये और नॉन-मोटर इंश्योरेंस में डेढ़ लाख रुपये तक क्लेम कर सकता है। बताया जा रहा है कि छोटे क्लेम के लिए सीमा बढ़ाने से जल्द से जल्द उनका निपटारा भी हो जाएगा और उपभोक्ताओं को ही इससे फायदा मिलेगा।
कुछ कंपनियों ने शुरू की यह सुविधा
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ने तो अपने डीलरों को ही इंश्योरेंस क्लेम जल्द से जल्द निपटाने के लिए कंपनी के साफ्टवेयर से जोड़ा है। इसके तहत जैसे ही छोटे से छोटे क्लेम का फोटो खींचकर भी साफ्टवेयर में डाला जाता है तो उसका निपटारा जल्द से जल्द डीलर के माध्यम से ही हो जाता है।
बेहतरीन होगी सुविधा
राडा के अध्यक्ष मनीषराज सिंघानिया ने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए यह एक बेहतरीन सुविधा होगी। इसके बाद उपभोक्ताओं को क्लेम पाने के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं होगी। इन दिनों ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इंश्योरेंस कंपनियों से भी टाइ-अप किया है। इसलिए डीलर के माध्यम से भी क्लेम का निपटारा होना शुरू हो गया है।