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छत्तीसगढ़ में हलचल तेज: पीए व ओएसडी की नियुक्तियों में हो सकता है बड़ा बदलाव….

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर।  भाजपा का संगठन अपनी नीति नियमो के अनुपालन के नाम से जाना जाता है।छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश और राजस्थान में जीत मिलने के बाद नए चेहरों पर पार्टी संगठन व संघ ने दांव लगाया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी नए लोगो को मौका देने के पक्षधर रहे है।आज भाजपा ने नए विधायकों को मंत्री भी बनाया।पर अब छत्तीसगढ़ के नए नवेले मंत्रियों की कार्यशैली की चर्चा जोरों पर बनी हुई है।

नए चेहरों की उपस्थिति मैदान में नही:

छत्तीसगढ़ में भाजपा के नए चेहरों की उपस्थिति अब तक मैदान में नजर नही आई।अगर मंत्रियों में बात की जाए तो दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल के काम ही नजर आ रहे है।संस्कृति विभाग के द्वारा राम गाथा का भव्य आयोजन होना। 22 तारीख को अवकाश देना सहित पर्यटन के काम को लेकर बैठकों का दौर भी जारी है।

वही कुछ मंत्री अब तक अपनी कार्यशैली को केवल बैठक तक ही सीमित कर दिए है।सरकार आते ही अपने अपने ओएसडी व पीए बनाने में भी कई मंत्रियों ने गलती कर दी है।कुछ मंत्रियों के द्वारा पीए और ओएसडी चयन में यह नजारा नजर आने लगा है।पार्टी के अंदर इस बात की खूब चर्चा भी हो रही है।भाजपा के एक बड़े नेता ने नाम नही छापने की शर्त पर हमको बताया कि हमारी सरकार में भी कांग्रेसी अफसरों को अपने आसपास बैठाला जा रहा है।पुरानी सरकार के खास अफसरों पर इस सरकार की विशेष कृपा समझ से परे है।आईएएस अफसरों में सौरभ कुमार,रजत बंसल,अयाज तम्बोली,आईएएस शम्मी आबिदी आईपीएस आरिफ शेख की पत्नी है।इनका नाम तो ईडी के राडार में भी है।अनिल टूटेजा सहित भूपेश सरकार के काफी नजदीकी अफसरों में इन सभी की गिनती होती थी।डीडी सिंह,अशोक जुनेजा आईपीएस को आज तक सरकार ने हटाया नही।अब तक आईपीएस अफसरों का तबादला नही हो पाया है।

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ऐसी बहुत सी चर्चाओं के बीच मे अब मंत्रियों के पीए और ओएसडी की नियुक्तियों को लेकर भाजपा संगठन में शिकायते पहुँचनी लगी है। कांग्रेस के शासनकाल में मंत्रियों के स्टाफ में रह कर बदनाम हुए अधिकारी/कर्मचारियों को वर्तमान सरकार में किसी भी मंत्री के स्टाफ में न रखने के सख्त निर्देश दिए थे।पर उसके बावजूद कोरबा के एक कांग्रेस नेता के छोटे भाई को मुख्य स्थान में ओएसडी बनाकर रखा गया है।नए नवेले लोगो को उपकृत करके ओएसडी व पीए बनाया गया है।सत्ता में आते ही बहुत सी बातें राजनैतिक गलियारों में उठने लगी है।अब ऐसा महसूस  होने लगा है कि सरकार अफसरों की पकड़ में आ चुकी है।भाजपा से जुड़े अफसरों को प्रताड़ित करने का भी काम नए युवा मंत्री के विभाग में किया जा रहा है।इस मामले की भी शिकायत भाजपा नेता ने केंद्रीय नेतृत्व तक भी किया है।

शासन स्तर पर संघ की विचारधारा वाले अफसरों की जगह कांग्रेसी विचारधारा के लोगो की नियुक्तियां की जा रही है। सत्ता के आते ही ओएसडी व पीए चयन में गलती किसके इशारों पर हो रही है।यह अपने आप मे सोचनीय प्रश्न है। संघ व  संगठन अब इन मामलों में अपनी ओर से बड़े फैसले ले सकता है।बहुत जल्द कई मंत्रियों के कुछ पीए और ओएसडी को हटाने के साथ नई नियुक्तियां भी हो सकती है।