धान के आंदोलन पर लगे ब्रेक को हटाने के लिए बुधवार को दोपहर एक बजे से कांग्रेस की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के अलावा संगठन के प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष और शहर कमेटी के अध्यक्ष उपस्थित रहेंगे। राजीव भवन में होने वाली बैठक में जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन और दिल्ली कूच की तिथि तय की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र सरकार से 85 लाख मीट्रिक धान पर समर्थन मूल्य देने, 38 लाख मीट्रिक टन धान को एफसीआइ के गोदाम में रखने की अनुमति और समर्थन मूल्य के साथ बोनस देने पर रोक को हटाने की मांग की है।
इन मांगों के साथ प्रदेश सरकार और कांग्रेस ने मिलकर पांच नवंबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया था। पहले तो संभागों में ब्लॉक स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया गया। 11 नवंबर को जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन होना था, लेकिन इसके दो दिन पहले अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया।
कानून व्यवस्था और सौहार्द को बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार के मुखिया बघेल ने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया था, जबकि 13 नवंबर की सुबह सड़क मार्ग से किसानों के साथ दिल्ली कूच करने की तैयारी हो चुकी थी।
कांग्रेस सरकार ने एक दिसंबर से धान खरीद शुरू करने की घोषणा की है, इसलिए इसके पहले केंद्र सरकार पर मांगों को लेकर दबाव बनाने की कोशिश है। केंद्र सरकार ने केवल 38 लाख मीट्रिक टन चावल समर्थन मूल्य पर लेने की बात कही है।
नगरीय निकाय चुनाव पर भी हो सकती है चर्चा
सीएम और पीसीसी अध्यक्ष की मौजूदगी में होने वाली बैठक में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी चर्चा हो सकती है। मुख्यमंत्री चुनाव की तैयारी और शहरी क्षेत्रों में सरकार के कामकाज की समीक्षा कर सकते हैं।