छत्तीसगढ़ : दुष्कर्म पीड़िता ने कोर्ट में आरोपित को पहचाने से किया इंकार, कहा-पुलिस ने जबरदस्ती कराई थी दूसरे की शिनाख्त
राजधानी पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर से विवादों में आ गया है। दरअसल विधानसभा थानाक्षेत्र में मई महीने में एक नाबालिग से दुष्कर्म की घटना हुई थी। पिछले दिनों इस केस की कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस की केस डायरी में दर्ज दुष्कर्म के आरोपित को पीड़िता ने पहचानने से साफ इंकार कर दिया। उसने कोर्ट में यह बयान देकर पुलिस की पूरी जांच पर सवालिया निशान लगा दिया कि दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को वह अच्छी तरीके से पहचानती है। उसकी कद-काठी तक सामने कठघरे में खड़े उस व्यक्ति से नहीं मिलती है। पुलिस ने मुझे कहा था कि हमने तुम्हें ले जाने वाली महिला दलाल से इसकी पहचान कराई है। यह वहीं आरोपित है, तुम पहचान करो तो मैंने कर दिया, जबकि यह वो नहीं था।
जानकारी के मुताबिक विधानसभा पुलिस थाने में मई 2019 में अपराध क्रमांक 212/19 में दर्ज दुष्कर्म के केस में पुलिस ने यह दावा किया था कि 14 वर्षीय किशोरी को बंधक बनाकर उससे देह व्यापार कराया गया था। इस प्रकरण में धारा 366, 376(3), 370, 370(क), 34 के साथ 6 पॉस्को एक्ट और अजाजजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (2) (फ) (क) जैसी धाराएं लगाई गई थीं। केस में एक महिला दलाल और दुष्कर्म करने वाले को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन 3 अक्टूबर को जब अजाजजा अत्याचार निवारण के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार होता की कोर्ट में पीड़िता की गवाही हुई तो उसने पुलिस की केस डायरी में बनाए गए आरोपित को यह कहते हुए पहचानने से इंकार कर दिया कि जिसने मेरे साथ गलत काम किया था, उसकी कद काठी तक इससे नहीं मिलती। पीड़िता ने आरोप लगाया कि मुझे पुलिस ने कहा था कि तुम्हें ले जाने वाली महिला से आरोपित की पहचान कराई है, यही है तुम पहचान करो तो मैंने कर दिया था, जबकि यह वो नहीं था।
महिला दलाल ने लिए थे पैसे
इस बहुचर्चित केस में पुलिस की डायरी दर्ज कहानी यह बता रही है कि किशोरी को उसके परिजन हॉस्टल भेजना चाहते थे और वह वहां नहीं जाना चाहती थी तो उसने अपनी पूर्व परिचित महिला से संपर्क किया। तब किशोरी को रात को अपने साथ महिला ले गई और एक परिचित के मकान में उसे छोड़ दिया था। वहां पर दो दिनों तक आरोपित ने आकर किशोरी से जबरन दुष्कर्म किया। आरोपित ने इसके बदले में महिला दलाल को पैसे दिए थे। बहरहाल पीड़िता के कोर्ट में दिए बयान के बाद विधानसभा पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है।
इस केस में महिला दलाल और दुष्कर्म के आरोपित की जमानत हाईकोर्ट से दो बार खारिज हो चुकी है। दोनों अभी जेल में है। एसडीएम के सामने पीड़ित किशोरी का 164 का बयान दर्ज कराया गया था, उस समय उसने आरोपित की पहचान की थी। केस की सुनवाई कोर्ट में चल रहीं है। फिलहाल पीड़िता ने कोर्ट में क्या बयान दिया है, इसकी जानकारी नहीं है।
-अश्विन राठौर, थाना प्रभारी विधानसभा