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छत्तीसगढ़ : झुग्गीवासियों को स्थायी पट्टा देने की योजना पर काम शुरू

शहरी क्षेत्रों के आवासहीन एवं भूमिहीन नागरिकों को पट्टा देने की योजना पर तेजी से सर्वे हो रहा है। सर्वे में दुर्ग जिले के नगरीय निकायों में 12 प्राधिकृत अधिकारी जो डिप्टी कलेक्टर रैंक के हैं झुग्गी बस्तियों का दौरा कर रहे हैं और लोगों से निर्धारित प्रारूप के अनुरूप फीडबैक ले रहे हैं।

झुग्गीवासी लोगों को अधिभोग की भूमि का पट्टा भी मिल सके, इसके लिए राजीव गांधी आश्रय योजना की अवधि का विस्तार कर इसे 19 नवंबर 2018 तक बढ़ाया गया। इस पहल से बड़ी संख्या में आवासहीन एवं भूमिहीन लोगों को पट्टा मिल सकेगा। भिलाई के वार्ड क्रमांक -23 में सर्वे के लिए पहुंचे डिप्टी कलेक्टर अरुण वर्मा ने बताया कि झुग्गी बस्तियों में व्यापक सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कार्य 30 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं और 25 नवंबर तक पट्टा वितरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। पट्टे की पात्रता के लिए राशन कार्ड को आधार बनाया जाएगा। राशन कार्ड नहीं होने की स्थिति में नियम में उल्लेखित अन्य प्रामाणिक दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन के पश्चात पट्टा प्रदान किया जाएगा।

बालिग महिला सदस्य का नाम भी होगा सम्मिलित

योजनांतर्गत पट्टाधारी नागरिक को प्रतिवर्ग फुट विकास शुल्क के रूप में मामूली राशि देनी होगी जो नगर पंचायत क्षेत्र में पांच रुपये प्रति वर्ग फुट, नगर पालिका क्षेत्र में 10 रुपये प्रति वर्ग फुट एवं नगर निगम क्षेत्र में भी 10 रुपये प्रति वर्ग फुट होगी। यथासंभव झुग्गीवासियों को उसी स्थान पर व्यवस्थित किया जाएगा परंतु यदि व्यापक जनहित में झुग्गियों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना आवश्यक है तो यह निर्णय उच्च स्तरीय समिति द्वारा लिया जाएगा। यदि कोई झुग्गीवासी किरायेदार के रूप में निवास कर रहा है तब भी पट्टे की पात्रता उसे ही होगी। पट्टे में परिवार की बालिग महिला सदस्यों का नाम भी सम्मिलित होगा। महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में भी यह बड़ा कदम होगा।

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