कोतवाली थाना क्षेत्र के सदर बाजार स्थित एक ज्वेलरी दुकान में हुए नकदी पांच लाख रुपये की चोरी का खुलासा हो गया है। दुकान में चोरी करने वाला मास्टर माइंड कोई और नहीं, बल्कि दुकान का ही नौकर निकला। उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। तीनों आरोपितों को पुलिस उप्र के झांसी से गिरफ्तार करने में सफल रही। उनके पास से नकद तीन लाख 24 हजार रुपये बरामद किए गए। बाकी रकम खर्च कर दी थी।
साल भर पहले भी दुकान से पांच लाख कर चुका था पार
राजधानी की एक ज्वेलरी शॉप से पांच लाख उड़ाने के मामले का एएसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर, सीएसपी कोतवाली देवचरण पटेल, थाना प्रभारी आरके मिश्रा ने शुक्रवार को पुलिस कंट्रोल रूम में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सदर बाजार शांति विजय मार्केट स्थित ज्वेलरी दुकान में 30-31 जुलाई की दरम्यानी रात तिजोरी से नकदी पांच रुपये चोरी हुई थी। इस पूरे घटना का मास्टर माइंड दुकान में काम करने वाला मूलतः उप्र के झांसी जिले के कोछाभांवर कुरियाना मोहल्ला थाना नवाबाद निवासी गणेश शंकर वर्मा उर्फ गोलू (23) निकला। उसने तिजोरी की नकली चाबी बनवाकर अपने दो साथियों वीरेंद्र अहिरवार उर्फ विक्की (21) और प्रदीप अहिरवार (19) को दे दी थी। ये दोनों उसी के गांव के हैं। फिर मौका पाकर इन लोगों ने तिजोरी से रकम उड़ा दी। एक साल पहले भी विनोद ने तिजोरी से पांच लाख रुपये चुराए थे। उस दौरान दुकान संचालक को चोरी की भनक तक नहीं लगी, तब विनोद ने दोबारा हाथ मारने का प्लान तैयार किया।
सीसी फुटेज से मिला क्लू
ज्वेलरी दुकान के कर्मचारी अशोक कुमार रैकवार की शिकायत पर पुलिस ने दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाला। फुटेज में गणेश वर्मा छिपकर किसी से फोन पर बात करता कैद हुआ था। पुलिस ने उसके मोबाइल का कॉल डिटेल खंगाला, तब पता चला कि झांसी के साथियों से बात कर रहा था। संदेह के आधार पर गणेश शंकर वर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन कड़ाई बरतने पर टूट गया। पिछले पांच साल से वह जेवर दुकान में काम कर रहा था। काम करने के दौरान उसने दुकान की तिजोरी की डुप्लीकेट चाबी बनवा ली थी। फिर चोरी करने वह 15 दिन पहले छुट्टी लेकर गांव चला गया। वहां दोनों साथियों को डुप्लीकेट चाबी दी, फिर दुकान की रेकी करवाकर पैसा चोरी करवाया।
तीनों भेजे गए जेल
पूछताछ में गणेश शंकर वर्मा ने वीरेन्द्र अहिरवार और प्रदीप अहिरवार के छिपने के ठिकानों का पता दिया, जिस पर टीम ने दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तीनों को जेल भेज दिया गया है।