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गीता जयंती कल: ‘गीता जयंती’ का महत्व, क्या करें और क्या ना करें?

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, धर्म-दर्शन। Geeta Jayanti 2022 (क्या करें और क्या ना करें): भारत परंपराओं और विश्वास का देश है, हमारे धर्म कहते हैं कि प्रकृति की हर चीज में ईश्वर व्याप्त है इसलिए यहां ईश्वर के साथ-साथ पेड़-पौधों और धर्म ग्रंथों की भी पूजा की जाती है। इसलिए यहां पर ‘गीता जयंती’ मनाई जाती है। इस दिन जिन घरों में श्रीमद्भगवद्गीता का ग्रंथ है, उसकी पूजा की जाती है और उसका पाठ होता है। कुछ जगहों पर तो लोग आज के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ भी रखते हैं। ‘गीता जयंती’ मोक्षदा एकादशी के दिन मनाई जाती है।

माना जाता है कि इस दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने प्रिय अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसी कारण इस दिन लोग भगवान श्री कृष्ण की भी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा करने से इंसान के ज्ञान और कौशल में वृद्धि होती है और वो सच के मार्ग पर अग्रसर होते हुए भी घबराता नहीं है।

श्रीमद्भगवद्गीता आरती

  • जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते ।
  • हरि-हिय-कमल-विहारिणि सुन्दर सुपुनीते ॥
  • कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि कामासक्तिहरा ।
  • तत्त्वज्ञान-विकाशिनि विद्या ब्रह्म परा ॥ जय ॥
  • निश्चल-भक्ति-विधायिनि निर्मल मलहारी ।
  • शरण-सहस्य-प्रदायिनि सब विधि सुखकारी ॥ जय ॥
  • राग-द्वेष-विदारिणि कारिणि मोद सदा ।
  • भव-भय-हारिणि तारिणि परमानन्दप्रदा ॥
  • जय॥ आसुर-भाव-विनाशिनि नाशिनि तम रजनी ।
  • दैवी सद् गुणदायिनि हरि-रसिका सजनी ॥ जय ॥
  • समता, त्याग सिखावनि, हरि-मुख की बानी ।
  • सकल शास्त्र की स्वामिनी श्रुतियों की रानी ॥ जय ॥
  • दया-सुधा बरसावनि, मातु ! कृपा कीजै ।
  • हरिपद-प्रेम दान कर अपनो कर लीजै ॥ जय ॥

अगर आपके घर में श्रीमद्भगवद्गीता है तो आपको निम्नलिखित खास बातों का ख्याल रखना बहुत ज्यादा जरूरी है।

  • श्रीमद्भगवद्गीता को कभी भी आप जमीन पर ना रखें इसके लिए आप हमेशा चौकी या स्टैंड का प्रयोग करें।
  • श्रीमद्भगवद्गीता को हमेशा लाल और स्वच्छ कपड़े में लपेट कर रखें।
  • श्रीमद्भगवद्गीता को जिस कपड़े में रखें वो साबूत हो कहीं से भी फटा ना हो।
  • श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ने के बाद कभी भी खुला ना छोड़े।
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