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खदान प्रभावितों ने घेरा गेवरा जीएम का कार्यालय

अनादि न्यूज़ , कोरबा । लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदान में काम देने समेत विभिन्न मांगो को लेकर भू- विस्थापितों ने गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया। आंदोलनकारियों द्वारा दोनों गेट जाम करने से दिन भर से अधिकारी-कर्मचारी आफिस में ही फंसे रहे। प्रबंधन ने दो बार वार्ता भी की, पर समस्या का निराकरण नही निकल सका। एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय द्वारा लिखित पत्र जारी कर 29 जुलाई को मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का निराकरण किए जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद रात 7:30 बजे आंदोलन समाप्त हुआ।

साउथ ईस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा खदान में समाहित ग्राम के प्रभावितों ने रोजगार और पुनर्वास से संबंधित 11 सूत्रीय मांगों पर छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ ने गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय पर घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन करने की घोषणा की थी। प्रबंधन द्वारा सकतारात्मक पहल नहीं किए जाने पर बुधवार को नेहरूनगर,विजयनगर, ढूरैना, खुसरूडीह, जुनाडीह, बेलटिकरी, झाबर, कोसमंदा, झिंगटपुर, बिंझरा, सुहाभोडी, गंगानगर, मड़वाढोढा, पुरैना, नरईबोध, भैसमाखार, गेवरा, मनगांव, बरपाली, खम्हरिया, जरहाजेल, दुल्लापुर, दुरपा, जटराज, सोनपुरी, बरकुटा, भठोरा, भिलाईबाजार, रलिया, बरभांठा, बरेली, रिसदी, खोडरी, सुराकछार बस्ती, कुचैना, दादरपारा, बरमपुर समेत अन्य गांव के भू- विस्थापित ने घेराव कर दिया। गांव से ही ग्रामीण रैली निकालकर कार्यालय के गेट समक्ष पहुंचे। किसान सभा ने कहा कि उनका आंदोलन तभी खत्म होगा, जब एसईसीएल प्रबंधन रोजगार, मुआवजा, बसावट के सवाल पर उनके पक्ष में निर्णायक फैसला करेगा।

आंदोलन की वजह से कार्यालय में कर्मी न तो बाहर निकल सके, और नही बाहर वाले अंदर जा सके। पहले और दूसरे दौर के वार्ता में प्रबंधन ने मांगों पर विचार करने के लिए समय मांगा, जिसे आंदोलनकारियों ने ठुकरा दिया। साथ ही बिलासपुर मुख्यालय से जिम्मेदार अधिकारियों को बुलाकर वार्ता करने की मांग पर अड़ गए हैं। इस दौरान माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,नंदलाल कंवर,जय कौशिक, रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम, रेशम, रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, दीना, प्रभावित गांवों के शिवदयाल कंवर, सुभद्रा कंवर, वीर सिंह, राजेश कंवर, जोहीत राय, संजय, बसंत चौहान, ज्ञान सिंह, भुनेश्वर, देव कुंवर, बहेतरिन बाई, छत बाई,बाबूलाल कंवर समेत अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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